लखीमपुर खीरी हिंसा | UP सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, कहा- हम कार्रवाई से संतुष्ट नहीं

संजय शर्मा

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सुप्रीम कोर्ट ने 8 अक्टूबर को दूसरे दिन लखीमपुर खीरी हिंसा मामले पर सुनवाई की. इस दौरान यूपी सरकार की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ…

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सुप्रीम कोर्ट ने 8 अक्टूबर को दूसरे दिन लखीमपुर खीरी हिंसा मामले पर सुनवाई की. इस दौरान यूपी सरकार की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने बताया कि इस मामले में आरोपी आशीष मिश्रा को पुलिस के सामने पेश होने के लिए शनिवार सुबह 11 बजे तक का वक्त दिया गया है.

चीफ जस्टिस एनवी रमण ने आरोपी आशीष मिश्रा के प्रति रियायत बरतने पर सवाल उठाए. इस पर हरीश साल्वे ने कहा कि आशीष मिश्रा को नोटिस भेजा गया था, वह आज (शुक्रवार) आने वाले थे, लेकिन उन्होंने कल सुबह तक का टाइम मांगा है, हमने उन्हें शनिवार सुबह 11 बजे तक की मोहलत दी है.

सीजेआई ने पूछा आखिर आप क्या संदेश देना चाहते हैं, (आईपीसी की धारा) 302 के मामले में पुलिस सामान्य तौर पर क्या करती है, सीधा गिरफ्तार ही करते हैं ना, अभियुक्त जो भी हो कानून को अपना काम करना चाहिए.

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चीफ जस्टिस ने यह भी कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए हम फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं, सीबीआई जांच भी कोई सटीक उपाय नहीं है. उन्होंने कहा कि हम जिम्मेदार सरकार और जिम्मेदार पुलिस देखना चाहते हैं, सभी मामलों के आरोपियों के साथ एक तरह का ही व्यवहार होना चाहिए.

सीजेआई ने कहा कि लगता है कि यूपी सरकार ने सही और समुचित कदम नहीं उठाया. इस पर साल्वे ने कहा कि हां, अफसरों को जरूरत के मुताबिक काम करना चाहिए था.

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चीफ जस्टिस ने अपनी अगुवाई वाली बेंच की ओर से जारी आदेश में कहा, ‘हम सरकार की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं.’ कोर्ट ने कहा कि डीजीपी से कहा जाए कि घटना से जुड़े सबूत नष्ट न हों. कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा कि कौन सी एजेंसी जांच करेगी? यानी किसी और एजेंसी को जांच देने का भी संकेत दिया. अब इस मामले की सुनवाई दशहरा की छुट्टियों के बाद होगी.

आशीष मिश्रा के खिलाफ क्या हैं आरोप?

लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया थाने में बहराइच जिले के नानपारा क्षेत्र बंजारन टांडा निवासी जगजीत सिंह ने आशीष और कुछ अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया है.

तिकुनिया थाने में आशीष और अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 147 (उपद्रव), 148 (घातक अस्त्र का प्रयोग), 149 (भीड़ हिंसा), 279 (सार्वजनिक स्थल पर वाहन से मानव जीवन के लिए संकट पैदा करना), 338 (दूसरों के जीवन के लिए संकट पैदा करना), 304 ए (किसी की असावधानी से किसी की मौत होना), 302 (हत्या) और 120 बी (साजिश रचने) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

मामले की तहरीर में कहा गया कि 3 अक्टूबर को क्षेत्रवासी किसान और मजदूर (केंद्रीय गृह राज्य मंत्री) अजय कुमार मिश्रा और यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ काले झंडे दिखाने के लिए महाराजा अग्रसेन इंटर कॉलेज क्रीड़ा स्थल, तिकुनिया, खीरी में शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे और तभी आशीष (निवासी बनबीरपुर, निघासन, खीरी) और 15-20 अज्ञात और सशस्त्र लोग तीन चार पहिया वाहनों पर सवार होकर बनवीरपुर से सभास्थल की तरफ तेज गति से आए. आरोप लगाया गया है कि आशीष अपने वाहन में बायीं सीट पर बैठकर गोलीबारी करते हुए और भीड़ को रौंदते हुए आगे बढ़े.

हालांकि, इस मामले में आशीष मिश्रा ने दावा किया कि घटना के वक्त वह काफिले की गाड़ियों में मौजूद नहीं थे. इसके साथ ही आशीष ने दावा किया, ”हमारे कार्यकर्ता डिप्टी सीएम को रिसीव करने जा रहे थे, जैसे ही वो लोग तिकुनिया से निकले, तो अपने आप को किसान कहने वालों ने आक्रमण कर दिया.”

लखीमपुर खीरी केस: कहां हैं आशीष? संयुक्त किसान मोर्चा का आरोप- ‘लोकेशन बदल रहे, फरार हैं’

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