RSS pays tributes to Mulayam Singh Yadav: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ RSS ने रविवार यानी 12 मार्च को अपनी वार्षिक बैठक में समाजवादी पार्टी के दिवंगत नेता मुलायम सिंह यादव, समाजवादी नेता शरद यादव और वरिष्ठ वकील रहे शांति भूषण को श्रद्धांजलि दी. आपको बता दें कि RSS की तीन-दिवसीय वार्षिक आमसभा रविवार को हरियाणा के समालखा में शुरू हुई, जिसमें संगठन ने ऐसे राजनीतिक नेताओं और प्रख्यात हस्तियों को श्रद्धांजलि दी, जिनका पिछले एक साल में निधन हुआ है. यहां थोड़ा विशेष ध्यान मुलायम सिंह यादव के नाम पर दीजिए. मुलायम सिंह यादव अपने राजनीतिक करियर में हमेशा से दक्षिणपंथी राजनीति केनिशाने पर रहे हैं और अब उन्हें श्रद्धांजलि और सम्मान भी दिया जा रहा है.
मुलायम ने हमेशा किया था संघ-बीजेपी का विरोध!
यह बात कोई ढकी-छिपी नहीं है कि मुलायम सिंह यादव ने अपने पूरे सियासी सफर के दौरान RSS की विचारधारा और भाजपा का विरोध किया था. 80 और 90 के दशक में जब अयोध्या आंदोलन अपने चरम पर था, तब मुलायम सिंह ने दक्षिणपंथी संगठनों की खुलकर आलोचना की थी. वहीं, दूसरी तरफ मुलायम सिंह यादव भी अपनी राजनीतिक पारी के दौरान हमेशा बीजेपी के निशाने पर रहे, उन्हें बीजेपी अयोध्या के ‘विलेन’ के तौर पर पेश करती रही.
अयोध्या कांड के लिए विरोधियों ने ‘मुल्ला मुलायम’ तक कहा
मुलायम सिंह को उनके कई राजनीतिक और प्रशासनिक फैसलों के लिए हमेशा याद किया जाता रहा. कुछ फैसले ऐसे भी रहे, जिन्होंने देश की राजनीति को ही बदल कर रख दिया. उन्होंने ऐसा ही एक फैसला लिया था अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन के दौरान. वह फैसला जिसकी वजह से मुलायम हमेशा अपने विरोधी, खासकर बीजेपी RSS के निशाने पर रहे. वह फैसला जिसके लिए उनके विरोधियों ने उन्हें ‘मुल्ला मुलायम’ और अब्बा जान कहकर भी पुकारा.
क्या 2024 का चुनाव है निशाना?
अब यहां ऐसा नहीं है कि RSS ने मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि देकर कोई लीग से हटकर काम किया है, बल्कि इससे पहले केंद्र की मोदी सरकार ने इस साल की शुरुआत में मुलायम सिंह यादव को मरणोपरांत पद्मविभूषण से सम्मानित करने का ऐलान किया था.यूपी में 2022 का विधानसभा चुनाव जीतने के बाद रिकॉर्ड बनाने वाली बीजेपी की निगाहें अब 2024 के लोकसभा चुनावों पर हैं. बीजेपी का लक्ष्य यूपी की 80 सीटें हैं ताकि पार्टी पीएम मोदी को लगातार तीसरी बार भारत का प्रधानमंत्री बना सके. ऐसे में भारत सरकार की तरफ से दिए जाने पद्म पुरस्कारों में मुलायम सिंह यादव का नाम होना कहीं न कहीं इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि कहीं बीजेपी इसका भी सियासी फायदा उठाने की तैयारी में तो नहीं है.
मुलायम सिंह यादव को पद्म विभूषण से सम्मानित करने का फैसला और अब RSS की बैठक में उनकी श्रद्धांजलि कहीं यादव वोट बैंक को तो ध्यान में रखकर नहीं दी गई? यह सवाल इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यूपी में 19 फीसदी मुस्लिम वोट बैंक के बाद समुदाय के स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा वोट बैंक यादवों का है. सीएसडीएस के मुताबिक, यूपी में 11 फीसदी यादव वोटर्स हैं. लोकनीति-सीएसडीएस के पोस्ट पोल सर्वे के मुताबिक, 2019 के लोकसभा चुनावों में जब अखिलेश और मायावती ने मिलकर महागठबंधन बनाया था तब उन्हें 60 फीसदी यादव वोट मिले थे. वहीं बीजेपी को 23 फीसदी यादवों ने वोट किया था.गौरतलब है कि बीते साल 10 अक्टूबर को मुलायम सिंह यादव का लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया था.