पूर्व IPS अधिकारी अमिताभ ठाकुर लखनऊ में गिरफ्तार, अखिलेश का योगी सरकार पर वार

यूपी तक

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 27 अगस्त को पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया गया. ठाकुर पर बीएसपी सांसद अतुल राय…

ADVERTISEMENT

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 27 अगस्त को पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया गया. ठाकुर पर बीएसपी सांसद अतुल राय…

social share
google news

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 27 अगस्त को पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया गया. ठाकुर पर बीएसपी सांसद अतुल राय के खिलाफ दर्ज रेप केस में राय के साथ साठगांठ करके पुलिस जांच रिपोर्ट को पब्लिक डोमेन में डालने का आरोप लगा है.

इस मामले में रेप का आरोप लगाने वाली महिला ने राय और ठाकुर (तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक) के खिलाफ षड्यंत्र रचने, गवाहों को धमकाने, आत्महत्या के लिए प्रेरित करने और सबूत नष्ट करने के आरोप भी लगाए थे.

अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी से जुड़ा वीडियो शेयर करते हुए समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है, ”ऐसा व्यवहार अक्षम्य है.”

क्या है पूरा मामला?

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर की रहने वाली महिला ने 2019 में अतुल राय पर रेप का आरोप लगाते हुए वाराणसी के लंका थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. महिला का आरोप था कि अतुल राय ने अपने लंका स्थित फ्लैट पर उसका रेप किया और वीडियो भी बना लिया. मौजूदा वक्त में घोसी सीट से सांसद अतुल राय जेल में हैं.

आरोप लगाने वाली महिला और उसके साथी ने 16 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के सामने फेसबुक पर लाइव आने के बाद आत्मदाह करने की कोशिश की थी. घटना के बाद दोनों को इलाज के लिए राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया था. हालांकि बाद में दोनों की मौत हो गई.

फेसबुक लाइव के दौरान महिला ने कहा था कि पुलिस के कुछ वरिष्ठ अधिकारी और अन्य लोग आरोपी का साथ दे रहे हैं.

इस महिला ने अपनी जान को खतरा बताते हुए मार्च में सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देकर रेप केस की सुनवाई प्रयागराज से दिल्ली की अदालत में ट्रांसफर करने का अनुरोध किया था.

महिला की मौत के बाद एसआईटी रिपोर्ट के आधार पर लखनऊ के हजरतगंज पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर दर्ज हुई, जिसमें अतुल राय और अमिताभ ठाकुर नामजद किए गए.

कौन हैं अमिताभ ठाकुर, हालिया वक्त में क्यों चर्चा में रहे हैं?

उत्तर प्रदेश काडर के पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने 27 अगस्त को ही कहा था कि वह जल्द ही एक नई राजनीतिक पार्टी बनाएंगे.

वह अगले साल होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान भी कर चुके हैं.

समाजवादी पार्टी के फाउंडर मुलायम सिंह पर धमकी देने का आरोप लगाने के कुछ दिनों बाद ठाकुर को 13 जुलाई 2015 को निलंबित कर दिया गया था. हालांकि, केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण ने अप्रैल 2016 में उनके निलंबन पर रोक लगा दी और 11 अक्टूबर 2015 से पूरे वेतन के साथ उनकी बहाली का आदेश दिया था.

केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से लिए गए एक फैसले के बाद ठाकुर को इसी साल 23 मार्च को ‘जनहित’ में समय से पहले ही अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई थी. ठाकुर का कार्यकाल 2028 में पूरा होने वाला था.

सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह की कोशिश करने वाली महिला की मौत, क्या था मामला?

    follow whatsapp