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चंदौली जिले के सदर विकास खंड के मसौनी गांव में एक प्राथमिक स्कूल तो बना है, लेकिन स्कूल तक आने-जाने के लिए सड़क बनाई ही नहीं गई है. छोटे-छोटे मासूम बच्चे खेतों के बीच से और खेतों की मेड़ से होकर स्कूल से वापस अपने घरों को लौटने को मजबूर हैं.
दरअसल, मसौनी गांव में इस प्राथमिक स्कूल का निर्माण सन 1995 के आसपास किया गया था. स्कूल की बिल्डिंग काफी अच्छी तरीके से बनाई गई. गांव में जब स्कूल बना तो बच्चों ने एडमिशन भी लेना शुरू कर दिया.
आज की तारीख में तकरीबन पौने दो सौ बच्चे इस स्कूल में पढ़ते हैं. लेकिन स्कूल तक पहुंचने के लिए कोई रास्ता नहीं होने की वजह से उनको स्कूल पहुंचने में काफी परेशानी उठानी पड़ती है. खासकर बरसात के दिनों में तो हालत और भी खराब हो जाती है. यही नहीं बरसात के दिनों में स्कूल आने में बच्चे और अध्यापक गिरकर घायल भी हो जाते हैं.
इस मामले को लेकर चंदौली सदर के खंड शिक्षा अधिकारी सुरेंद्र बहादुर सिंह का कहना है, "स्कूल के पास जिन लोगों का खेत है, वो रास्ता बनाने के लिए जमीन देने को तैयार नहीं हैं. जिस वजह से प्रॉब्लम का सॉल्यूशन नहीं मिल पा रहा है."
अधिकारी के इस तर्क पर स्कूल के पास रहने वाले धर्मेंद्र कुमार ने प्रशासन पर ही सवाल खड़े कर दिए. ऊपर शेयर किए गए वीडियो में देखिए धर्मेंद्र कुमार ने क्या कुछ कहा.