वाराणसी में ओम प्रकाश राजभर के गिरेबान पर लगाया गया हाथ? नामांकन के बाद बेटे के बड़े आरोप

ब्रिजेश कुमार

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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनजर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर सोमावर को अपने बेटे अरविंद राजभर के नामांकन के लिए वाराणसी पहुंचे. बता दें कि इस दौरान उन्हें वकीलों के विरोध का सामना करना पड़ा. अरविंद राजभर ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस दौरान उनको जान से मारने की धमकी दी गई और उनके पिता के गिरेबान पर हाथ डाला गया.

क्या है मामला?

दरअसल, सोमवार को ओम प्रकाश राजभर जैसे ही अपने बेटे और शिवपुर विधानसभा सीट से एसपी-एसबीएसपी प्रत्याशी अरविंद राजभर के साथ नामांकन दाखिल करने वाराणसी कलेक्ट्रेट पहुंचे तो उसी वक्त वहां मौजूद वकीलों और बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध करते हुए जमकर नारेबाजी की.

अरविंद राजभर ने लागए गंभीर आरोप

ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर ने आरोप लगाते हुए कहा, “अंदर जान से मारने की धमकी दी गई. माननीय मंत्री जी के गिरेबान पर हाथ डाला गया है. भारतीय जनता पार्टी गुंडई पर उतारू हो गई है. काले कोट में अंदर गुंडे बैठे हुए हैं. मैं जिलाधिकारी और उत्तर प्रदेश गृह विभाग से चाहूंगा कि माननीय ओम प्रकाश राजभर जी को भरपूर सुरक्षा दी जाए.”

मामले में एसबीएसपी चीफ ने कहा है,

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“योगी हमारी हत्या कराना चाहते हैं, इसलिए अपने काले कोट के गुंडे भेजे. पिछड़ों की लड़ाई से डरी बीजेपी हमें नुकसान पहुंचाना चाहती है. अपने हक के लिए लड़ते रहेंगे, चुनाव आयोग इसका संज्ञान ले. डीएम और प्रशासन की मिलीभगत से हमला हुआ. चुनाव आयोग मेरी और अरविंद राजभर की सुरक्षा बढ़ाए.”

ओम प्रकाश राजभर

उन्होंने आगे आरोप लगाते हुए कहा, “वाराणसी के डीएम और कमिश्नर को हटाया जाए, जो योगी के इशारे पर काम कर रहे हैं. जब चुनाव आयोग ने 3 लोगों की इजाजत दी तो सैकड़ों गुंडे कैसे इकट्ठे हुए?मेरी हत्या भी हो जाए फिर भी ये लड़ाई नहीं रुकेगी.”

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बीजेपी ने किया पलटवार

बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा है, “जैसी करनी-वैसी भरनी. ओम प्रकाश राजभर जब विवादित बयान देने का काम करते हैं, लोगों की भावना को भड़काने का काम करते हैं तो निश्चित तौर पर उनके खिलाफ इस प्रकार के प्रदर्शन होंगे. राजभर ने जिस प्रकार से वकीलों को काले कोट वाला गुंडा कहने का काम किया है हम इसकी निंदा करते हैं.”

एसबीएसपी ने चुनाव आयोग से की शिकायत

एसबीएसपी ने चुनाव आयोग को लिखे पत्र में कहा है, “दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिससे जिलाधिकारी और पुलिस आयुक्त वाराणसी की संलिप्त जाहिर होती है. प्रार्थी को आशंका है की जिलाधिकारी और पुलिस आयुक्त वाराणसी की मौजूदगी में निष्पक्ष और भयमुक्त चुनाव संपन्न नहीं हो पाएगा. इसलिए जिलाधिकारी और पुलिस आयुक्त वाराणसी को तत्काल हटाया जाना और दोषी व्यक्तियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जानी जरूरी है.”

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