UP चुनाव: पहले फेज में कम वोटिंग का क्या है मतलब? एक्सपर्ट से समझिए

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उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी को विधानसभा चुनाव 2022 के पहले फेज में 11 जिलों की 58 सीटों के लिए मतदान हुआ. चुनाव आयोग के मुताबिक, पहले फेज में 60.17 फीसदी मतदान हुआ है. पिछले चुनाव के आंकड़े को देखें तो वोटिंग में 2 फीसदी से ज्यादा की कमी आई है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि इसका मतलब क्या है? हमने यही समझने के लिए सीएसडीएस के निदेशक संजय कुमार से बातचीत की है.

जब संजय कुमार से पूछा गया कि वोटिंग प्रतिशत अगर कम हो, तो उसका क्या मतलब निकाला जाए, तो उन्होंने बताया, ”अमूमन लोग मतलब निकालते हैं कि अगर वोटिंग प्रतिशत कम है तो ये सत्तारूढ़ पार्टी के पक्ष में हैं. अगर वोटिंग प्रतिशत ज्यादा होता है तो अमूमन ऐसी धारणा बन जाती है कि लोग घरों से निकलकर आए हैं और सत्तारूढ़ पार्टी को हराने के लिए वोट दे रहे हैं. लेकिन ये धारणा मात्र है.”

इसके आगे उन्होंने कहा, ”अगर आप आंकड़ों के नजरिए से देखें तो कई ऐसे विधानसभा चुनाव हैं, जहां टर्नआउट बढ़ा है तो सत्तारूढ़ पार्टियां दोबारा जीतकर आई हैं. आप बंगाल का उदाहरण ले लें, आप दिल्ली का उदाहरण ले लें.”

कुमार ने कहा, ”हमने विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनावों के आंकड़ों का विश्लेषण किया है. हमने पाया है कि जहां टर्नआउट बढ़ा, आधे इलाकों में सत्तारूढ़ पार्टी जीती है और आधे इलाकों में सत्तारूढ़ पार्टी हारी है. जहां टर्नआउट घटा, वहां भी ऐसा ही कुछ है.”

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10 फरवरी को किस जिले में कितना मतदान हुआ?

  1. शामली: 69.42%

  • मुजफ्फरनगर: 65.34%

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  • मेरठ: 60.91%

  • बागपत: 61.35%

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  • गाजियाबाद: 54.77%

  • हापुड़: 60.50%

  • गौतमबुद्ध नगर: 56.73%%

  • बुलंदशहर: 60.52%

  • अलीगढ़: 60.49%

  • मथुरा: 63.28%

  • आगरा: 60.33%

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