जिसका साथ छोड़ता हूं, उसका कहीं अता-पता नहीं रहता, बहन जी हैं उदाहरण: स्वामी मौर्य

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उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले स्वामी प्रसाद मौर्य समेत कई नेता 14 जनवरी को सत्तारूढ़ बीजेपी का साथ छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हुए हैं. मौर्य के अलावा इन नेताओं में धर्म सिंह सैनी, भगवती सागर, विनय शाक्य, रोशन लाल वर्मा, मुकेश वर्मा, ब्रजेश कुमार प्रजापति जैसे नाम शामिल हैं.

एसपी में शामिल होने के मौके पर अपने संबोधन में मौर्य ने कहा कि हम बीजेपी के अंत का इतिहास लिखने जा रहे हैं. उन्होंने कहा,

  • ”बीजेपी के वो बड़े बड़े नेता जो कुंभकर्ण की नींद सो रहे थे, जिनको विधायकों-मंत्रियों से बात करने का वक्त नहीं था, हमारे लोगों के इस्तीफा देने के बाद उनकी नींद हराम हो गई है.”

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  • ”बीजेपी के लोग कह रहे हैं कि मैंने 5 साल (सरकार में रहने) के बाद इस्तीफा दिया. कुछ यह भी कह रहे हैं कि बेटे के चक्कर में बीजेपी छोड़ी है. मैं कहना चाहता हूं कि बीजेपी ने दलितों-पिछड़ों-अल्पसंख्यकों की आंखों में धूल झोंककर सत्ता पाई थी. केशव मौर्य और स्वामी मौर्य का नाम उछालकर सरकार बनाई थी.’

  • ”वह 80 और 20 का नारा दे रहे हैं. यह 80 और 20 नहीं होगा. अब तो होगा 15 और 85 का. 85 तो हमारा है 15 में भी बंटवारा है.”

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    उन्होंने कहा, ”स्वामी मौर्य ने पार्टी भले न बनाई हो पर किसी पार्टी से हैसियत कम नहीं रखते हैं, जनाधार की कमी नहीं है. अखिलेश से हाथ इसलिए मिलाया क्योंकि वह नौजवान हैं. पढ़े-लिखे हैं और ऊर्जावान हैं , करोड़ों का हुजूम खड़ाकर आपके साथ बीजेपी को उखाड़ फेकेंगे.”

    मौर्य ने कहा,

    • ”मैं जिसका साथ छोड़ता हूं, उसका कहीं अता पता नहीं रहता है. बहन जी इसका जीता जागता उदाहरण हैं. वह बाबा साहब और कांशीराम के सिद्धांतों से हट गई थीं, उन्हे घमंड हो गया था.”

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  • ”बहन मायावती ने दूसरा नारा दिया- जिसकी जितनी तैयारी उसकी उतनी भागीदारी, वह थैली वालों के साथ खड़ी हो गईं.”

  • ”बीएसपी तब नंबर 1 पर थी बीजेपी 3 पर थी और जैसे ही मैंने बीएसपी छोड़ी बीजेपी आकाश चढ़ गई पर अब मैं उन्हे कहना चाहता हूं आपके बुरे दिन आ गए हैं. मेरे साथ कई लोग आ रहे हैं, इस्तीफा देने का सिलसिला चलता रहेगा.”

  • कद्दावर ओबीसी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने 11 जनवरी को यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया था.

    उन्होंने अपने इस्तीफा पत्र में लिखा था, ”मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के मंत्रिमंडल में श्रम एवं सेवायोजन और समन्वय मंत्री के रूप में विपरीत परिस्थितियों व विचारधारा में रहकर भी बहुत ही मनोयोग के साथ उत्तरदायित्व का निर्वहन किया है, लेकिन दलितों, पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों और छोटे- लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षा वाले रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल से मैं इस्तीफा देता हूं.”

    इस बीच 11 जनवरी को ही एसपी चीफ अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा था, ”सामाजिक न्याय और समता-समानता की लड़ाई लड़ने वाले लोकप्रिय नेता श्री स्वामी प्रसाद मौर्य जी एवं उनके साथ आने वाले अन्य सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन! सामाजिक न्याय का इंक़लाब होगा, बाइस में बदलाव होगा”

    मौर्य भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने से पहले बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) में थे. बीएसपी के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए थे.

    मौर्य के बाद योगी मंत्रिमंडल से दारा सिंह चौहान और धर्म सिंह सैनी ने भी इस्तीफा दिया था. इसके अलावा कई बीजेपी विधायकों ने हाल के दिनों में पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दिया है.

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