UP चुनाव 2022: 2 फरवरी को आगरा में पहली चुनावी जनसभा संबोधित करेंगी मायावती
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की अध्यक्ष मायावती दो फरवरी को आगरा में एक जनसभा कर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के प्रचार अभियान…
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बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की अध्यक्ष मायावती दो फरवरी को आगरा में एक जनसभा कर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के प्रचार अभियान की औपचारिक शुरुआत करेंगी.
पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने एक ट्वीट में कहा कि बीएसपी अध्यक्ष दो फरवरी को आगरा में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए एक जनसभा को संबोधित करेंगी.
अवगत कराना है कि दिनांक 2 फरवरी 2022 को बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष, यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री माननीया बहन कु.@Mayawati जी आगरा में कोविड नियमों का पालन करते हुए जनसभा को संबोधित करेंगी ।
जनसभा का समय एवं स्थान तथा आगामी जनसभाओं की सूचना मीडिया बंधुओ को शीघ्र उपलब्ध कराई जाएगी। pic.twitter.com/gumfoSxw8z— Satish Chandra Misra (@satishmisrabsp) January 25, 2022
मिश्रा ने ट्विटर पर लिखा, ”अवगत कराना है कि दो फरवरी को बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती आगरा में कोविड नियमों का पालन करते हुए जनसभा को संबोधित करेंगी. जनसभा का समय एवं स्थान तथा आगामी जनसभाओं की सूचना मीडिया बंधुओ को शीघ्र उपलब्ध कराई जाएगी.”
उल्लेखनीय है कि चुनाव के दौरान जनता के बीच बीएसपी सुप्रीमो की लगभग अनुपस्थिति पर भी उनके राजनीतिक विरोधियों की ओर से सवाल उठाए जा रहे थे. बीएसपी सूत्रों के अनुसार वह लगातार अपने आवास पर पार्टी के नेताओं और पदाधिकारियों और राज्य भर के बूथों के प्रभारियों से मिल रही हैं, लेकिन चुनाव आयोग द्वारा रैलियों पर प्रतिबंध लगाये जाने से पहले, कोरोना वायरस संक्रमण की बढ़ती संख्या का हवाला देते हुए उन्होंने किसी भी जनसभा को संबोधित नहीं किया.
मायावती ने पिछली बार अक्टूबर में लखनऊ में और इससे पहले सितंबर में राज्य में अपनी पार्टी के ‘प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलनों’ की समाप्ति पर एक जनसभा को संबोधित किया था.
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बीएसपी ने 2017 के विधानसभा चुनाव में 19 सीटें जीती थीं, लेकिन उसके बाद कम से कम एक दर्जन बीएसपी विधायकों ने या तो अपनी निष्ठा बदल ली या उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में निष्कासित कर दिया गया.
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर और बीएसपी विधायक दल के नेता लालजी वर्मा जैसे वरिष्ठ नेता, कभी मायावती के करीबी विश्वासपात्र थे, वे अब अन्य दलों में चले गए हैं.
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