वाराणसी के कई इलाकों में इंटरनेट, केबल टीवी और मोबाइल नेटवर्क ठप, जानें वजह
वाराणसी में अप्रैल महीने से शुरू होने वाले जी-20 सम्मेलन कार्यक्रम को देखते हुए नगर निगम ने कमर कस लिया है. नगर निगम ने शहर…
ADVERTISEMENT
वाराणसी में अप्रैल महीने से शुरू होने वाले जी-20 सम्मेलन कार्यक्रम को देखते हुए नगर निगम ने कमर कस लिया है. नगर निगम ने शहर को सुंदर और अतिक्रमण मुक्त करने का अभियान शुरू कर दिया है. इसके तहत शहर की खूबसूरती में पैबंद की तरह दिखने वाले सड़क किनारे लटके हुए अवैध तारों को अभियान चलाकर हटाया जा रहा है.
इस अभियान का असर यह हुआ है कि वाराणसी के कुछ इलाकों में हजारों वाईफाई और केबल कनेक्शन बंद हो चुके हैं. इसके साथ ही मोबाइल कनेक्टिविटी भी प्रभावित हो गई है. कुल मिलाकर लाखों लोग इंटरनेट और कॉलिंग की सुविधा से महरूम हो गए हैं. तो वहीं दूसरी तरफ, अपने अभियान को जारी रखते हुए नगर निगम जल्द ही अवैध तारों के जाल को फैलाने वाले जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के शहर के कई हिस्सों को बिजली के तारों से मुक्त कराने के मकसद से साढ़े 5 सौ करोड़ रुपयों से ऊपर की आईपीडीएस स्कीम के तहत बिजली के तारों को भूमिगत कर दिया गया है. इस योजना के चलते बिजली के तार और खंभे योजना वाले क्षेत्रों में गायब तो हो गए, लेकिन इसके बावजूद लटकते केबल से इसलिए छुटकारा नहीं मिला.
यह भी पढ़ें...
ADVERTISEMENT
नगर निगम के स्ट्रीट लाइट वाले खंभों पर वाईफाई की सेवा देने वाली कंपनियों के अलावा लोकल केबल टीवी वालों ने जाल बिछा दिया है जो निश्चित तौर पर सरकार की IPDS योजना को मुंह चिढ़ाने से कम नहीं है. इसका नतीजा यह हुआ कि शहर में लाखों उपभोक्ताओं ने धड़ाधड़ वाईफाई के कनेक्शन ले लिए, लेकिन अब इन्हीं उपभोक्ताओं को परेशान होना पड़ रहा है. क्योंकि इस माह से वाराणसी में शुरू होने वाले जी-20 सम्मेलन के मद्देनजर वाराणसी शहर को अतिक्रमण और खंभों पर लटकते बदसूरत तारों से निजात दिलाने का अभियान शुरू हो गया है.
वाराणसी में हजारों वाईफाई कनेक्शन और केबल टीवी कनेक्शन खासकर गंगा घाट किनारे बसी काशी और उसके आसपास के तमाम इलाकों में ठप हो गए हैं. केवल इतना ही नहीं रोज नगर निगम का अतिक्रमण दस्ता शहर में अभियान चलाकर वाईफाई और केबल टीवी के तारों को काट रहा है. जिसकी वजह से मोबाइल नेटवर्क प्रभावित हो गया है.
ADVERTISEMENT
इस बारे में एक साड़ी कारोबारी अश्वनी पांडेय ने बताया कि वाराणसी प्रशासन और नगर निगम को पहले ही एक्शन ले लेना चाहिए था. जब उपभोक्ता इनसे सेवा लेने लगे और इंटरनेट पर आश्रित हो गए तब जी-20 के बहाने अभियान चलाए जाना उपभोक्ताओं के हित की अनदेखी है. केबल टीवी और वाईफाई के तारों को काटने से न केवल बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, बल्कि उन जैसे हजारों व्यापारियों का व्यापार भी चौपट हो रहा है. क्योंकि ज्यादातर लोगों को लेनदेन के लिए इंटरनेट की जरूरत होती है.
तो वहीं चौक इलाके के मुकेश मल्होत्रा ने बताया कि कॉलिंग करने से लेकर इंटरनेट इस्तेमाल करने तक के लिए दूसरे इलाकों में जाना पड़ रहा है. अगर यह तार अवैध रूप से लटके हुए थे तो इन्हें पनपने ही क्यों दिया गया? अब नगर निगम में शिकायत के लिए पहुंचने के बावजूद कोई अधिकारी सुनने का नाम नहीं ले रहा है.
ADVERTISEMENT
वहीं, दूसरी तरफ वाराणसी नगर निगम के जनसंपर्क अधिकारी संदीप श्रीवास्तव ने बताया कि अवैध रूप से लटकते तारों के बाबत पहले ही मीडिया और अखबारों के अलावा प्रचार माध्यमों से सूचित किया जा चुका था कि तारों को हटा लिया जाए. तारों के ना हटने पर अब कार्रवाई की जा रही है. यह अभियान जी-20 के मद्देनजर शहर को अतिक्रमण मुक्त और सुंदर बनाने के मकसद से किया जा रहा है.
अवैध तारों को कंपनियों की तरफ से लटकाने के वक्त ही कार्रवाई न करने के सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि ऐसी बात नहीं है. नगर निगम की तरफ से पिछले कई वर्षों से लगातार तारों को हटाने के लिए कार्रवाई की जा रही है.
उन्होंने आ रहे लाखों लोगों की असुविधा पर बोला कि कुछ दिनों तक लोगों को दिक्कत होगी, लेकिन धीरे-धीरे सब कुछ व्यवस्थित हो जाएगा. सर्विस प्रोवाइडर पर कार्रवाई के सवाल पर उन्होंने बताया कि इन लोगों को चिन्हित करके नोटिस जारी की जा रही है.
ADVERTISEMENT