सपा के पूर्व मंत्री ने सिर पर रखी जूते-चप्पलों की पोटली, कश्यप समाज के लोगों से की ये अपील
Muzaffarnagar News Hindi: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो जमकर वायरल हो रहे हैं. इसमें एक कार्यक्रम के दौरान सपा…
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Muzaffarnagar News Hindi: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो जमकर वायरल हो रहे हैं. इसमें एक कार्यक्रम के दौरान सपा के पूर्व मंत्री सुधाकर कश्यप मंच से अपने सिर पर जूतों की गठरी रखकर कश्यप समाज से आरक्षण मिलने तक एक होने की अपील करते हुए नजर आ रहे हैं. वहीं, वीडियो वायरल होने के बाद सुधाकर कश्यप ने सोशल मीडिया पर एक और वीडियो शेयर किया, जिसमें उन्होंने कई बड़ी बातें कीं हैं.
सपा के पूर्व मंत्री ने सिर पर रखी जूते-चप्पलों की पोटली
UP Political News: बताया जा रहा है कि ये वायरल वीडियो रविवार को मुज़फ्फरनगर जनपद के लकड़संधा गांव का है. यहां कश्यप समाज के द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में कश्यप समाज के सैकड़ों लोग इकट्ठा हुए थे. कश्यप समाज ने इस कार्यक्रम के माध्यम से अपने समाज को एकत्रित रहने का संदेश दिया. कार्यक्रम के दौरान सपा के पूर्व मंत्री सुधाकर कश्यप ने समाज को इकट्ठा रहने का संदेश देते हुए ऐसा कार्य किया, जिससे सभी लोग आश्चर्य चकित रह गए. मंच पर भाषण देते हुए कश्यप ने जूते से भरी गठरी अपने सिर पर रख ली और अपने समाज को इकट्ठा रहने की मार्मिक अपील की. इस दौरान पूर्व मंत्री ने मंच से बोलते हुए कहा कि ‘कोई भी नेता किसी पार्टी से जुड़ा हो, वो आरक्षण तक एक हो जाए जिससे मेरे समाज को आरक्षण मिल जाए, में यही चाहता हूं.’ बता दें कि इस घटना का वीडियो वायरल हो गया है.
सुधाकर कश्यप ने कही ये बात
इस वीडियो के वायरल होने के बाद सुधाकर कश्यप ने अपना एक वीडियो शेयर किया, जिसमें उन्होंने कहा है कि ‘आज कश्यप समाज की जो पंचायत थी, उसमें समाज के सभी जिम्मेदार लोग थे. उस पंचायत में आरक्षण का मुद्दा था. हम सभी दलों के नेताओं का ये विचार विमर्श हुआ था कि आरक्षण किस तरह हासिल हो, तो उसी के प्रपेक्ष में आज पंचायत की गई. मैं आपको बताना चाहता हूं कि हमारे समाज के साथ धोखा किया जा रहा है. धोखे के चलते हमने निर्णय लिया है, क्योंकि मेरी जाति के लोग और मेरी आत्मा ही मुझे खुद धिक्कार रही है कि मैं 18 सालों से अपने समाज की सेवा करता आ रहा हूं. 18 वर्ष पहले जहां छोड़ा था वो आज भी वहीं है. आज तक आरक्षण नहीं मिला. जबकि हम लोगों ने जो पोटली उठाई थी सिर पर, वो जूते-चप्पलों की पोटली थी. जो समाज के लोग थे. उनके जूते चप्पल की पोटली सिर पर रखी थी और संकल्प लिया था और दिया था.’
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