लखीमपुर हिंसा केस: किसानों के पीड़ित परिवारों ने आशीष मिश्रा की जमानत को SC में दी चुनौती

संजय शर्मा

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लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में किसानों के पीड़ित परिवारों ने मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. मिश्रा की जमानत को चुनौती देने वाली यह दूसरी याचिका है. याचिकाकर्ताओं की तरफ से वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने यह याचिका दाखिल की है.

पीड़ित किसानों के परिजनों ने अपनी याचिका में कहा है कि राज्य सरकार ने अब तक इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं दी, लिहाजा मजबूरन उन्हें सुप्रीम कोर्ट आना पड़ा है.

एसआईटी और यूपी सरकार पर सवाल उठाती हुई इस याचिका में दावा किया गया है कि हाई कोर्ट ने जमानत मंजूर करते वक्त मिश्रा के खिलाफ दिए गए ठोस सबूतों पर गौर नहीं किया क्योंकि तब तक चार्जशीट कोर्ट के रिकॉर्ड पर ही नहीं आई थी, सिर्फ एफआईआर के आधार पर जमानत मंजूर की गई, जबकि चार्जशीट में अपराध को जघन्य बताया गया है.

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बता दें कि पिछले साल 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया इलाके में हुई हिंसा में 4 किसानों समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी. किसानों की मौत के मामले में आशीष की गिरफ्तारी हुई थी.

आशीष की गिरफ्तारी के बाद, उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से बनाए गए विशेष जांच दल यानी एसआईटी ने पांच हजार पेज का आरोपपत्र स्थानीय अदालत में दायर किया था. स्थानीय अदालत ने मिश्रा की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जबकि हाई कोर्ट ने जमानत मंजूर कर मिश्रा को कुछ शर्तों के साथ जेल से रिहा करने का आदेश दे दिया.

पिछले दिनों एक वकील शिव कुमार त्रिपाठी और सीएस पांडा ने भी आशीष की जमानत को चुनौती दी है.

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