‘लखीमपुर हिंसा हत्या के प्रयास की घटना’, SIT की अर्जी से बढ़ सकती है आरोपियों की मुश्किल

संतोष शर्मा

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लखीमपुर खीरी में किसानों को रौंदने के मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा समेत 13 आरोपियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. दरअसल चार्जशीट दाखिल करने से पहले SIT ने लापरवाही के कारण हुई मौत से संबंधित धारा समेत 3 धाराओं को हटाकर हत्या के प्रयास संबंधी धारा समेत अन्य धाराओं को जोड़ने की अर्जी कोर्ट में डाली है. मंगलवार को लखीमपुर सीजेएम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होगी.

बता दें कि हिंसा की यह घटना लखीमपुर खीरी के तिकुनिया इलाके में 3 अक्टूबर को हुई थी. इस मामले की जांच कर रही SIT के अधिकारी विद्या राम दिवाकर ने लखीमपुर सीजेएम कोर्ट में आशीष मिश्रा समेत सभी आरोपियों पर लगी आईपीसी की तीन धाराओं को हटाने और गंभीर धाराएं जोड़ने की अर्जी डाली है.

विवेचक ने आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से ड्राइविंग), 338 (गंभीर चोट पहुंचाने) और 304 ए (लापरवाही के कारण हुई मौत) को हटाकर सभी 13 आरोपियों पर नई धाराओं – 307 (हत्या का प्रयास), 326 (खतरनाक हथियार से चोट पहुंचाना), सुनियोजित प्लानिंग की धारा 34 और अवैध शस्त्र रखने और बरामदगी 3/25 के साथ-साथ लाइसेंसी हथियार के दुरुपयोग की धाराओं को बढ़ाने की कोर्ट में अर्जी डाली है.

कोर्ट में डाली गई अर्जी में विवेचक ने साफ लिखा है कि लखीमपुर के तिकुनिया में हुई हिंसा हादसा या गैर इरादतन की गई हत्या नहीं, बल्कि हथियारों से लैस होकर और एक राय होकर गंभीर साजिश के साथ किए गए हत्या के प्रयास की घटना है.

इस मामले में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है, ”न्यायालय की फटकार व सत्याग्रह के चलते अब पुलिस का भी कहना है कि गृह राज्य मंत्री के बेटे ने साजिश करके किसानों को कुचला था. जांच होनी चाहिए कि इस साजिश में गृह राज्य मंत्री की क्या भूमिका थी? लेकिन नरेंद्र मोदी जी किसान विरोधी मानसिकता के चलते आपने तो उन्हें पद से भी नहीं हटाया है.”

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