रद्दी की तरह नोट के बंडल रखने वाले पीयूष जैन के घर पर कैसे हुई छापेमारी, जानिए पूरी कहानी

संतोष शर्मा

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कारोबारी पीयूष जैन के घर पर छापेमारी में भारी नकदी मिलने के बाद कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. मसलन, मुंबई में चंद हजार रुपये की नौकरी से करियर की शुरुआत, फिर कन्नौज में इत्र के केमिकल कम्पाउंड से धंधे की शुरुआत करने वाले पीयूष आखिर कैसे अरबों की संपत्ति के मालिक बन गए? आखिर कैसे पीयूष की फर्म पर जीएसटी की सबसे बड़ी टैक्स चोरी सामने आई? क्या पीयूष जैन के घर से बरामद सोने का गोल्ड स्मगलिंग सिंडिकेट से भी कनेक्शन है? क्या बरामद रकम का हवाला के कारोबार से भी कनेक्शन है? एजेंसियां अब इसी तफ्तीश में जुट गई हैं.

पीयूष जैन के कानपुर और कन्नौज स्थित ठिकानों से बरामद हुई 197.4 करोड़ की रकम, 23 किलो सोना डीजीजीआई और डीआरआई की जांच का हिस्सा है. जांच एजेंसियों के शिकंजे में फंसने के बाद अब पीयूष जैन ने भले ही जीएसटी टैक्स चोरी को जुर्माने के साथ अदा करने की पेशकश कर दी हो, लेकिन जांच एजेंसियों को उनके ठिकानों से मिले कैश और सोने के साथ सैकड़ों लीटर चंदन के तेल का कोई लेखा-जोखा, हिसाब किताब फिलहाल नहीं मिल पाया है, जिसकी वजह से नकदी और पूरे माल को जब्त किया गया.

वैसे घर की अलमारियों में रद्दी की तरह नोटों के बंडल को ठूंसकर रखने वाले पीयूष जैन की गिरफ्तारी भी कम रोचक नहीं है.

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दरअसल डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (डीजीजीआई) की अहमदाबाद यूनिट के रडार पर कानपुर बीते 3 महीनों से था. 3 महीने पहले कानपुर के एक गुटखा कारोबारी के ठिकानों पर हुई रेड के बाद से ही डीजीजीआई की टीमों को कानपुर में बड़े पैमाने पर जीएसटी चोरी का शक पैदा हुआ था. इसी कड़ी में दिसंबर के महीने में जीएसटी की टीम की ओर से अहमदाबाद में पान मसाला लदे चार ट्रक पकड़े गए.

ट्रक में माल के दस्तावेजों की जांच की गई तो जीएसटी चोरी का मामला पकड़ में आया. आगे जांच की गई तो माल कानपुर के शिखर पान मसाला बनाने वाली त्रिमूर्ति फ्रेगरेंस का निकला. 22 दिसंबर की सुबह डीजीजीआई की अहमदाबाद यूनिट ने कानपुर में शिखर पान मसाला बनाने वालों के ठिकानों पर छापेमारी की और साथ ही उस ट्रांसपोर्टर गणपति रोड कैरियर के ठिकानों पर भी छापेमारी की जिनके ट्रकों में लदकर यह माल भेजा जा रहा था.

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जांच के बाद शिखर पान मसाला की कंपनी पर जीएसटी की टीमों ने 3 करोड़ 9 लाख रुपये का टैक्स निकाला, जिसे भर दिया गया. मगर जानकारी के अनुसार ट्रांसपोर्टर के ठिकानों से जीएसटी की टीमों को odochem केमिकल्स के कई फर्जी इनवॉइस बरामद हुए, जिसके बाद जीएसटी इंटेलिजेंस की टीम ने कानपुर में पीयूष जैन के आनंदपुरी वाले घर और कन्नौज स्थित पुश्तैनी आवास पर छापेमारी शुरू की. जिसका नतीजा था कि पीयूष जैन के घर से जीएसटी इंटेलिजेंस की टीमों को अब तक के इतिहास की सबसे बड़ी कैश बरामदगी हुई. छापेमारी में 197.4 करोड़ रुपये कैश बरामद हुए, 23 किलो सोना बरामद हुआ और लगभग 600 किलो चंदन का तेल बरामद हुआ.

डीजीजीआई की ओर से की गई कैश बरामदगी को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में जमा करा दिया गया है. अब इस मामले में कनेक्शन सोना तस्करों से भी जुड़ने की आशंका बढ़ती जा रही है. पीयूष जैन के ठिकानों से बरामद हुआ 23 किलो सोना स्विट्जरलैंड की उस कंपनी का बताया जा रहा है, जिसको भारत में खरीदा बेचा ही नहीं जा सकता.

ऐसे में आशंका है कि शायद पीयूष जैन सोना तस्करी के सिंडीकेट से जुड़े हों. फिलहाल कानपुर से जांच के बाद लखनऊ लौटी डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) की टीम पीयूष जैन के घर से बरामद हुए सोने के बिस्किट में मिटाए गए कंपनी के नाम को पता करने की कोशिश में जुट गई है. वहीं दूसरी तरफ जीएसटी इंटेलिजेंस की ओर से बरामद किए गए दस्तावेजों और मिली जानकारी को डीआरआई ने भी अपनी तरफ से परखना शुरू कर दिया है.

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