‘आनंद गिरि ने नरेंद्र गिरि को आपत्तिजनक वीडियो के नाम पर धमकाया’, CBI चार्जशीट में खुलासा

संतोष शर्मा

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अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में सीबीआई की चार्जशीट से कई बड़े खुलासे हुए हैं. चार्जशीट के मुताबिक, महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि ने महंत को आपत्तिजनक ऑडियो-वीडियो के नाम पर धमकाया था.

नरेंद्र गिरि 20 सितंबर को प्रयागराज के बाघंबरी मठ में मृत हालत में मिले थे. सीबीआई ने महंत नरेंद्र गिरि की मौत को आत्महत्या माना है. इस मामले में प्रयागराज की एक अदालत में दाखिल चार्जशीट में सीबीआई ने आनंद गिरि, प्रयागराज के बड़े हनुमान मंदिर के पुजारी आध्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र रचने और आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया है.

सीबीआई की 19 पेज की चार्जशीट से जो बातें सामने आई हैं, उनके जरिए पूरे मामले को समझने की कोशिश करते हैं:

2004 में महंत भगवान गिरि की मौत के बाद नरेंद्र गिरि बाघंबरी गद्दी के अध्यक्ष बने. 2005 में आनंद गिरि ने महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य के तौर पर बाघंबरी गद्दी में रहना शुरू किया. 3 साल बाद 2008 के कुंभ मेले में आनंद गिरि ने गंगा सेना बनाकर एक अलग अभियान शुरू किया और माघ मेला की शुरुआत की.

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आनंद गिरि की बनाई गंगा सेना और माघ मेला का बाघंबरी गद्दी से कोई नाता नहीं था और ना ही इसके लिए आनंद गिरि ने महंत नरेंद्र गिरि से कोई अनुमति ली थी. जिसकी वजह से महंत नरेंद्र गिरि आनंद गिरि से नाराज भी हुए थे.

7 जनवरी 2010 को महंत नरेंद्र गिरि ने बलवीर गिरि को अपनी रजिस्टर्ड वसीयत के जरिए उत्तराधिकारी घोषित किया. डेढ़ साल बाद 29 अगस्त 2011 को नरेंद्र गिरि ने आनंद गिरि को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया और बलबीर गिरि के नाम की गई 7 जनवरी 2010 की वसीयत कैंसिल करवा दी.

12 दिसंबर 2018 को महंत नरेंद्र गिरि ने बाघंबरी गद्दी से सटे 744 स्क्वॉयर मीटर का प्लॉट पेट्रोल पंप खोलने के लिए आनंद गिरि को लीज पर दिया. लीज पर जमीन मिलने के बाद आनंद गिरि ने 15 दिसंबर 2018 को हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड वाराणसी के साथ अनुबंध किया. बाघंबरी गद्दी से सटी जमीन पर आनंद गिरि को पेट्रोल पंप स्थापित करने के लिए स्थानीय नागरिकों ने एनओसी देने से इनकार कर दिया था.

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मई 2019 में आनंद गिरि छेड़छाड़ के मामले में ऑस्ट्रेलिया में गिरफ्तार किया गया तो महंत नरेंद्र गिरि ने एक बड़ी रकम आनंद गिरि को भेजी और कथित तौर पर राजनीतिक संपर्कों की मदद से आनंद गिरि को छुड़वाया.

4 जून 2020 को महंत नरेंद्र गिरि ने एक नई रजिस्टर्ड वसीयत बलवीर गिरि को अपना उत्तराधिकारी घोषित करते हुए की थी. नरेंद्र गिरि ने अपनी वसीयत में लिखा था कि आनंद गिरि ने बाघंबरी गद्दी से अलग गंगा सेना बना ली है, आनंद गिरि के क्रियाकलाप से बाघंबरी गद्दी और प्रयागराज के प्रसिद्ध हनुमान मंदिर की छवि खराब हो रही है.

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आनंद गिरि हरिद्वार के श्यामपुर में अपने नाम और तरीके का इस्तेमाल कर विक्रम योगपीठ का निर्माण करवाने में लगे थे, जिसकी वजह से भी महंत नरेंद्र गिरि की आनंद गिरि से नाराजगी थी.

आनंद गिरि ने सुमित तिवारी के जरिए महंत नरेंद्र गिरि पर बाघंबरी गद्दी की करोड़ों रुपयों की जमीन बेचने और गोशाला की जमीन डेढ़ करोड़ में डॉक्टर यूबी यादव को बेचने का आरोप लगाया था. सीबीआई को जांच में आनंद गिरि के ये सभी आरोप झूठे मिले हैं.

1 अप्रैल 2021 को हरिद्वार में बनाए आश्रम के उद्घाटन में आनंद गिरि ने निरंजनी अखाड़ा के तमाम संतो को आमंत्रित किया लेकिन महंत नरेंद्र गिरि को नहीं बुलाया. जिसके बाद महंत नरेंद्र गिरि ने निरंजनी अखाड़े के सभी संतो को साफ कहा कि जो भी इस आयोजन में जाएगा, वह निरंजनी अखाड़ा वापस नहीं आएगा.

महंत नरेंद्र गिरि अप्रैल 2021 में कोरोना संक्रमित हुए थे. वह इलाज के लिए ऋषिकेश एम्स में भर्ती कराए गए थे. नरेंद्र गिरि का हालचाल लेने के लिए आनंद गिरि गए तो नरेंद्र गिरि ने मिलने से तक से इनकार कर दिया था. आनंद गिरि महंत नरेंद्र गिरि के कमरे में गए तो नरेंद्र गिरि ने बात नहीं की और मुंह फेरकर लेट गए थे. आनंद गिरि ने तीमारदारी में जुटे सुमित तिवारी को कहा महंत जी की हालत खराब है, बचेंगे नहीं, इसलिए महंत जी को चाहिए कि मरने से पहले वह उनको अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दें.

12 मई 2021 को महंत नरेंद्र गिरि ने निरंजनी अखाड़ा के पंच परमेश्वर को आनंद गिरि को अखाड़े से बाहर करने के लिए पत्र लिखा था. बैठक के बाद 14 मई को निरंजनी अखाड़ा ने आनंद गिरि को अखाड़े से बाहर कर दिया था.

23 मई 2021 को आनंद गिरि ने हरिद्वार जाकर रविंद्र पुरी से मुलाकात कर निरंजनी अखाड़े से अपने निष्कासन को रद्द करने के लिए महंत नरेंद्र गिरि से फोन पर बात करवाई. आनंद गिरि ने महंत नरेंद्र गिरि और रविंद्र पुरी के बीच हुई बातचीत को अपने आईफोन से रिकॉर्ड किया था.

आनंद गिरि ने स्पीकर पर रविंद्र पुरी की महंत नरेंद्र गिरि से बात करवाई थी. बातचीत के बाद महंत नरेंद्र गिरि 10 दिन में निष्कासन वापस लेने को राजी भी हो गए थे.

सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक, इसी बातचीत में आनंद गिरि ने नरेंद्र गिरि को कई आपत्तिजनक ऑडियो-वीडियो होने के नाम पर धमकाया था और कहा था- ”मैं आपको भेजूंगा तो आपके पैरों की जमीन खिसक जाएगी ऐसे ऐसे वीडियो ऑडियो मेरे पास हैं”

सीबीआई को आनंद गिरि के मोबाइल से बातचीत का ऑडियो बरामद हुआ है. आनंद गिरि और महंत नरेंद्र गिरि के बीच 26 मई को पूर्व मंत्री इंदु प्रकाश मिश्रा के लखनऊ स्थित आवास पर सुलह समझौता हुआ था.

30 मई को प्रयागराज के बड़े हनुमान मंदिर में महंत नरेंद्र गिरि और आध्या तिवारी के बीच बहस हुई थी. जिसके बाद महंत नरेंद्र गिरि ने आध्या तिवारी और उनके बड़े बेटे दिलीप तिवारी को बड़े हनुमान मंदिर के पुजारी पद से हटा दिया था और मंदिर में आध्या तिवारी के बेटे संदीप तिवारी के फूल माला की दुकान भी वापस ले ली थी. उन्होंने आध्या तिवारी के माफी मांगने के बाद भी हनुमान मंदिर की दुकान वापस करने से मना कर दिया था, लेकिन अगले दिन से दिलीप तिवारी को पूजा करने की अनुमति दे दी थी.

चार्जशीट के मुताबिक, 11 सितंबर को महंत नरेंद्र गिरि ने सर्वेश द्विवेदी उर्फ बबलू से सल्फास मंगाया था. इससे पहले 10 से 12 सितंबर के बीच महंत नरेंद्र गिरि ने शिष्य वासुदेव शुक्ला और अभ्युदय तिवारी से सल्फास खाने से मौत और इलाज मिलने पर बचने की संभावना पर बात की थी.

15 सितंबर को महंत नरेंद्र गिरि लखनऊ में मुख्यमंत्री से मिलने वाले थे. लखनऊ के शैलेंद्र सिंह को होटल में ठहरने की व्यवस्था करने के लिए भी कहा था, लेकिन उसी दिन हरिद्वार के राकेश गोयल महंत नरेंद्र गिरि से हरिद्वार की जमीन खरीदने के सिलसिले में मिलने के लिए पहुंच गए थे, जिसकी वजह से नरेंद्र गिरि लखनऊ नहीं आए.

19 सितंबर को नरेंद्र गिरी ने सर्वेश द्विवेदी से ”कपड़े सुखाने के लिए” नायलॉन की रस्सी मंगाई थी. 19 सितंबर को रात 8:34 से 8:42 के बीच सर्वेश द्विवेदी नायलॉन की रस्सी का एक टुकड़ा महंत नरेंद्र गिरि को देकर वापस आ गया था. जिसके बाद महंत नरेंद्र गिरि उस नायलॉन की रस्सी के साथ गेस्ट रूम में सीसीटीवी में दिखाई पड़े.

सामने आई जानकारी के मुताबिक, 20 सितंबर को महंत नरेंद्र गिरि ने मनीष शुक्ला और अभिषेक मिश्रा से किसी महिला के साथ आपत्तिजनक वीडियो वायरल करने की दी जा रही आनंद गिरि की धमकी का जिक्र किया था, 20 तारीख की सुबह 7:00 बजे नरेंद्र गिरि ने महंत संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा को भी फोन पर ऐसे ही वीडियो वायरल किए जाने की धमकी की बात बताई थी.

19 सितंबर को सूरज पांडे ने महंत नरेंद्र गिरि को मोबाइल से वीडियो बनाना सिखाया था. सीबीआई को महंत नरेंद्र गिरि के मोबाइल से 20 सितंबर को बनाए दो वीडियो बरामद हुए थे. दूसरे वीडियो में नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या के लिए आनंद गिरि, आध्या तिवारी और संदीप तिवारी को जिम्मेदार बताकर परेशान किए जाने का जिक्र किया था.

सीबीआई ने अपनी 19 पेज की चार्जशीट में कुल 39 बिंदुओं के सहारे आरोपी आनंद गिरी, आध्या तिवारी और संदीप तिवारी को आत्महत्या के लिए उकसाने और साजिश रचने का आरोपी माना है.

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