UP में अब तक हुई छापेमारी में किसका निकला समाजवादी पार्टी से कनेक्शन, कौन से दावे रहे गलत?

संतोष शर्मा

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उत्तर प्रदेश के चुनावी माहौल में नोएडा से लेकर लखनऊ और आगरा से लेकर मऊ तक हुई इनकम टैक्स, डीजीजीआई, यूपीजीएसटी की छापेमारी अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और समाजवादी पार्टी (एसपी) के बीच सियासत का मुद्दा बन गई है. कन्नौज के इत्र कारोबारी और एसपी नेता के घर छापेमारी के बाद आगरा के जूता कारोबारी के यहां हुई इनकम टैक्स की छापेमारी लगभग खत्म हो चुकी है.

अधिकारिक तौर पर आगरा, फर्रुखाबाद और कन्नौज से हुई बरामदगी को लेकर भले ही जांच एजेंसी ने कुछ नहीं बताया हो, लेकिन सोशल मीडिया पर ऐसे ढेरों दावे वायरल हैं, जो कह रहे हैं कि काला धन बरामद हुआ है. सोशल मीडिया पर एसपी को निशाना बनाते हुए तमाम पोस्टर भी वायरल हो रहे हैं. आखिर बीते दिनों हुई छापेमारी में किस कारोबारी का है राजनीतिक कनेक्शन, यह जानना बेहद जरूरी हो जाता है.

आपको बता दें कि यूपी के सियासी माहौल के बीच इनकम टैक्स, डीजीजीआई जैसी जांच एजेंसियों की छापेमारी का मुद्दा 18 दिसंबर से शुरू हुआ. 18 दिसंबर को लखनऊ से लेकर बेंगलुरु तक जांच एजेंसियों की टीमों ने 4 लोगों के 30 ठिकानों पर छापेमारी की. ये छापेमारी 4 दिन तक चली और इनकम टैक्स को 30 ठिकानों से एक करोड़ 12 लाख रुपये नगद बरामद हुए.

गौरतलब है, यह छापेमारी समाजवादी पार्टी के करीबियों और पार्टी पदाधिकारियों के ठिकानों पर की गई. जिन चार लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की गई, उनमें एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव के ओएसडी जैनेंद्र यादव उर्फ नीटू यादव, अखिलेश यादव के बेहद करीबी मित्र और लखनऊ के कपड़ा व्यापारी राहुल भसीन, समाजवादी पार्टी के नेता और मैनपुरी के जिला पंचायत अध्यक्ष मनोज यादव और एसपी के राष्ट्रीय सचिव राजीव राय हैं. बता दें कि राजीव राय के बेंगलुरु में मेडिकल कॉलेज और चिकित्सा संस्थान भी हैं.

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इस छापेमारी के बाद जो दूसरी छापेमारी चर्चा में आई, वह थी कन्नौज के इत्र कारोबारी पीयूष जैन के कन्नौज और कानपुर के घर की गई छापेमारी. शुरुआत में पीयूष जैन को समाजवादी पार्टी का करीबी बताया गया. पीयूष जैन के घर से बरामद 200 करोड़ से ज्यादा रुपये की नकदी भी समाजवादी पार्टी का फंड बताई गई, लेकिन पीयूष जैन का समाजवादी पार्टी से कोई कनेक्शन नहीं निकला.

पीयूष जैन के बाद समाजवादी पार्टी के एमएलसी, इत्र कारोबारी और समाजवादी इत्र लॉन्च करने वाले पुष्पराज जैन उर्फ पंपी जैन के घर पर छापेमारी हुई. पुष्पराज उर्फ पंपी जैन का समाजवादी पार्टी से सीधा कनेक्शन है.

पीयूष जैन और पुष्पराज जैन के बाद छापेमारी का दौर जूता कारोबारियों के यहां शुरू हुआ. आगरा में 4 कारोबारियों के 11 ठिकानों पर छापेमारी की गई, जिनमें विजय आहूजा, मन्नू अलघ, मानसी चंद्रा, और राजेश उर्फ रूबी सहगल शामिल हैं.

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इन चारों कारोबारियों में सिर्फ मन्नू अलघ को एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव का करीबी बताया जाता है, लेकिन समाजवादी पार्टी से मन्नू अलघ का कोई अधिकारिक कनेक्शन नहीं है.

कानपुर के बाद फर्रुखाबाद में फ्लोर मिल और कोल्ड स्टोरेज के मालिक हाजी तारीख सेठ के 2 ठिकानों पर जीएसटी की टीम ने छापेमारी की. हाजी तारिक 2002 में बीएसपी की टिकट से कमालगंज सीट पर चुनाव लड़ चुके हैं. इसके बाद वह 2012 से समाजवादी पार्टी में शामिल हुए.

फर्रुखाबाद के बाद हाल ही में इनकम टैक्स ने नोएडा समेत एनसीआर के कई ठिकानों पर ACE ग्रुप के मालिक अजय चौधरी के ठिकानों पर छापेमारी की. अजय चौधरी का समाजवादी पार्टी से कोई सीधा कनेक्शन नहीं है, लेकिन अजय चौधरी उर्फ संजु नागर को एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव का करीबी दोस्त बताया जाता है.

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