UP चुनाव: अंतिम चरण में होगी बीजेपी की ‘बुल्डोजर नीति’ की अग्निपरीक्षा, मिलेगा इसका फायदा?

संतोष शर्मा

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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 का सातवां और अंतिम चरण भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की ‘बुल्डोजर नीति’ की अग्निपरीक्षा भी लेगा. 9 जिलों की 54 विधानसभा सीटों पर 7 मार्च को वोट डाले जाएंगे. इस चरण में बीजेपी और समाजवादी पार्टी (एसपी) के जातिगत समीकरण की तो परीक्षा होगी, लेकिन सातवें चरण में बीजेपी की ‘बुल्डोजर नीति’ की भी परीक्षा होगी कि इस नीति का उन इलाकों में क्या असर हुआ, जहां पर यह बुल्डोजर चला.

बता दें कि 7 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी समेत नौ जिलों में अंतिम चरण का मतदान होगा. आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, जौनपुर, वाराणसी, मिर्जापुर, भदोही, चंदौली और सोनभद्र की 54 सीटों पर वोट डाले जाएंगे.

2017 के चुनावी नतीजों की बात करें तो बीजेपी ने इस सातवें चरण में 36 सीटों पर कब्जा किया था. 11 सीटें एसपी, 5 सीट बीएसपी और एक सीट निषाद पार्टी को हासिल हुई थी, लेकिन इस बार राजनीतिक समीकरण बदले हैं. समाजवादी पार्टी जातिगत समीकरण की ‘नई ताकत’ के साथ मैदान में है. वहीं, बीएसपी भी दलित और मुस्लिम वोट बैंक के सहारे अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश में है और निषाद पार्टी बीजेपी के साथ ताल ठोंक रही है.

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सातवें चरण के इस अंतिम मतदान में बीजेपी और समाजवादी पार्टी के सोशल इंजीनियरिंग की तो अग्निपरीक्षा होगी, साथ में बीजेपी की ‘बुल्डोजर नीति’ को भी परखा जाएगा. 2017 में सत्ता पाने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माफियाओं की अवैध संपत्ति पर ‘बुल्डोजर नीति’ का ऐलान किया. मुख्तार अंसारी से लेकर अतीक अहमद और विजय मिश्रा की संपत्तियों पर सरकार ने बुल्डोजर चलाए, सरकारी जमीन पर किए कब्जों को ढहा दिया गया.

एक अनुमान के अनुसार, बीते 5 सालों में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद, विजय मिश्रा कुंटू सिंह जैसे तमाम माफियाओं की लगभग दो हजार करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति पर कब्जे हटा दिए गए, बिल्डिंग गिरा दी गईं.

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उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार ने इसी ‘बुल्डोजर नीति’ के सहारे चुनाव में बेहतर कानून व्यवस्था और माफियाओं पर शिकंजा कसने का उदाहरण पेश किया. बीते छह चरणों में चुनावी रैली में माफियाओं पर की गई कार्रवाई की नजीर पेश करते हुए बीजेपी बेहतर कानून व्यवस्था के नाम पर वोट बटोरने की कोशिश में लगी है. सीएम योगी से लेकर तमाम बड़े नेता बयान दे रहे हैं कि 10 मार्च के बाद फिर बुल्डोजर चलेगा, लेकिन अब ‘बुलडोजर नीति’ की अग्निपरीक्षा अगले चरण में होगी.

7 तारीख को अंतिम चरण में जेल 9 जिलों में मतदान होने हैं. ये वह जगह है, जहां पर उत्तर प्रदेश बीजेपी सरकार का बुल्डोजर चला, वह फिर चाहे मुख्तार अंसारी हो विजय मिश्रा या फिर कुंटू सिंह. ऐसे माफियाओं पर चले बुल्डोजर का प्रदेश के अन्य हिस्सों में तो बीजेपी ने खूब प्रचार लिया, लेकिन अब असली परीक्षा मऊ, आजमगढ़ और भदोही जैसे जिलों की है, जहां के यह माफिया थे और जहां पर सरकार ने इनके अवैध संपत्तियों पर बुल्डोजर चलाया.

जिन जिलों में सरकार ने बुल्डोजर चलाया है, वहां की जनता पर क्या असर हुआ, उसे बुल्डोजर की कार्रवाई पसंद आई या नहीं? यह सातवें और अंतिम चरण में साफ हो जाएगा.

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