अहमदाबाद ब्लास्ट वाली ‘साइकिल’ पर सवार हुआ UP चुनाव, SP का सिंबल PM के निशाने पर क्यों?

यूपी तक

ADVERTISEMENT

UPTAK
social share
google news

यूपी के विधानसभा चुनाव में आजकल ‘साइकिल’ के काफी चर्चे हैं. एक चर्चा तो समाजवादी पार्टी चीफ अखिलेश यादव के अग्रेसिव कैंपेन की है, जहां वह इस बार यूपी में 300 प्लस सीटों का दावा कर रहे हैं. वहीं, साइकिल की एक चर्चा पीएम मोदी की भी वजह से है. पीएम ने पिछले दिनों हरदोई की एक रैली में समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह साइकिल से अहमदाबाद ब्लास्ट को यूं जोड़ा कि राजनीतिक वार-पलटवार शुरू हो गए. सोशल मीडिया पर इसे लेकर काफी कमेंट्स देखने को मिले. अखिलेश यादव ने जहां साइकिल को आम जनों का विमान बताते हुए पीएम पर देश के अपमान का आरोप लगाया तो, सोमवार को यूपी दौरे में पहुंचे केजरीवाल ने भी इसे लेकर तंज कसा.

पर सवाल यह है कि आखिर अहमदाबाद ब्लास्ट का साइकिल कनेक्शन क्या है? पीएम मोदी ने यूपी चुनाव में इसकी जो कहानी सुनाई वह असल में क्या है?

सबसे पहले जानिए कि पीएम मोदी ने क्या कहा था

रविवार को हरदोई की एक जनसभा में पीएम मोदी ने अहमदाबाद ब्लास्ट का जिक्र किया. असल में 18 फरवरी को अहमदाबाद की एक विशेष अदालत ने 2008 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के लिए आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के 38 दोषियों को मौत की सजा सुनाई थी. इसके ठीक दूसरे दिन पीएम मोदी यूपी के बहराइच में थे.

चुनावी सभा में पीएम ने कहा था,

‘ये गुजरात में बम धमाके हुए. कभी आपने सुना नहीं होगा, कैसे धमाके किए गए. दो प्रकार से किए गए. पहले शहर में एक साथ 50-60 धमाके. उसके दो घंटे बाद अस्पताल में एक गाड़ी रखी थी. उसमें बड़ा धमाका, ताकि लोगों को जब अस्पताल लेकर आएं, उनके रिश्तेदार आएं, अफसर आएं, नेता आएं, तब कार धमाका करें, अस्पताल में पहली बार शायद आतंकियों ने धमाका किया हो. वहां भी बहुत लोग मारे गए. इन्होंने क्या किया. यहां समाजवादी पार्टी का जो चुनाव सिंबल है न, उनका जो चुनाव निशान है न तो शुरू में जो धमाके हुए सारे के सारे उन्होंने बम साइकिल पर रखे हुए थे. और जहां लोग सब्जी खरीदने आते हैं साइकिल पार्क करके चले गए थे. एक समय में सारे बम फूटे. मैं हैरान हूं कि ये साइकिल को उन्होंने क्यों पसंद किया?’

नरेंद्र मोदी

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

पीएम के इस बयान के बाद राजनीतिक हमले शुरू हुए. अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए कहा कि, ‘खेत और किसान को जोड़ कर उसकी समृद्धि की नींव रखती है, हमारी साइकल, सामाजिक बंधनों को तोड़ बिटिया को स्कूल छोड़ती है, हमारी साइकल. महंगाई का उसपर असर नहीं, वो सरपट दौड़ती है, हमारी साइकल, साइकल आम जनों का विमान है, ग्रामीण भारत का अभिमान है, साइकल का अपमान पूरे देश का अपमान है.’

सोमवार को यूपी दौरे पर पहुंचे दिल्ली सीएम केजरीवाल ने कहा कि पहले पीएम ने देश के सारे किसानों को आतंकवादी कहा और अब गरीब साइकिल चलाने वालों को आतंकवादी कह रहे हैं. केजरीवाल ने लोगों से अपील की कि जब ईवीएम का बटन दबाओ तो बता देना कि बीजेपी वाले आतंकवादी हैं कि गरीब-किसान आतंकवादी हैं.

अहमदाबाद ब्लास्ट की असल कहानी क्या है?

अब जब यूपी चुनाव में साइकिल के बहाने अहमदाबाद ब्लास्ट की पुरानी घटना को पीएम मुद्दा बना रहे हैं, तो आपको इसकी पूरी कहानी बताते हैं. इसे जानने कि लिए यूपी तक ने हमारी सहयोगी और गुजरात को कवर करने वाली जर्नलिस्ट गोपी मणीआर घांघर से बात की. उन्होंने हमे बताया कि अहमदाबाद में जुलाई 2008 में 70 मिनट के भीतर 21 ब्लास्ट हुए थे.

ADVERTISEMENT

26 जुलाई 2008 को शाम 6 बजकर 45 मिनट पर पहला धमाका हुआ था. इसके 70 मिनट में 20 और धमाके हुए, जिनमें कुल 56 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हुए.

गोपी के मुताबिक इन 21 धमाकों में 19 साइकिल से किए गए थे, जबकि 2 कार की मदद से. उन्होंने बताया कि छोटी इंटेंसिटी के ब्लास्ट में साइकिल का इस्तेमाल किया गया था. बाद में कार में रखे गए बम फूटे, जिनसे अस्पताल को निशाना बनाया गया. आतंकियों का टारगेट यह था कि साइकिल ब्लास्ट के बाद जब अफरातफरी में लोग अस्पताल भागें, तो वहां भी विस्फोट कर ज्यादा जानहानि की जाए.

गोपी मणीआर घांघर ने बताया कि इस मामले में यूपी के भी 9 लोग गिरफ्तार किए गए थे, जिनमें 8 को फांसी की सजा हुई है. गोपी कहती हैं कि अहमदाबाद ब्लास्ट, साइकिल-कार का इस्तेमाल यह कोई राजनीतिक विषय नहीं. हालांकि ये एक ऐसी आतंकी गतिविधि थी, जिसे अधिक से अधिक लोगों को मारने के हिसाब से डिजाइन किया गया था.

ADVERTISEMENT

अहमदाबाद ब्लास्ट केस: सीएम योगी ने अखिलेश से मांगा जवाब, एसपी चीफ ने किया पलटवार

    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT