मुख्तार अंसारी को पंजाब की जेल में क्यों सुविधा दे रहे थे राहुल, प्रियंका: यूपी बीजेपी

भाषा

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पंजाब की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर रूपनगर जेल में गैंगस्टर मुख्तार अंसारी को वीआईपी सुविधा दिये जाने के आरोप लगने के एक दिन बाद उत्तर प्रदेश भाजपा ने बुधवार को कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से पूछा कि अंसारी को ‘‘किन चीजों के बदले यह सुविधाएं दी जा रही थीं.’’

पंजाब के मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने पंजाब की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर मुख्तार अंसारी को वीआईपी सुविधाएं देने का आरोप लगाया है.

उत्तर प्रदेश भाजपा ने यह आरोप भी लगाया कि अंसारी पंजाब जेल के भीतर से अनैतिक और अवैध गतिविधियों में शामिल था.

भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “कांग्रेस का हाथ हमेशा से ही अपराधियों और माफियाओं के साथ रहा है। भाजपा नेता अलका राय ने अपने पति कृष्णानंद राय की हत्या को लेकर प्रियंका गांधी को कई पत्र लिखकर उन्हें एक अपराधी को संरक्षण नहीं देने को कहा था.”

त्रिपाठी ने कहा, “उत्तर प्रदेश सरकार ने अंसारी को वापस लाने के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख किया था, लेकिन तत्कालीन पंजाब सरकार ने इसका विरोध किया क्योंकि वह अंसारी को सभी सुविधाएं मुहैया कराना चाहती थी.”

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उन्होंने कहा,

“मैं राहुल और प्रियंका से पूछना चाहता हूं कि वे अंसारी को ये सुविधाएं क्यों दे रहे थे. एक गैंगस्टर को ये सुविधाएं उपलब्ध कराने के बदले कांग्रेस को क्या मिला. मौजूदा सरकार यह सिद्ध कर रही है कि अंसारी जेल के भीतर से अनैतिक और अवैध गतिविधियों में शामिल था.”

राकेश त्रिपाठी

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने भी ट्वीट कर कांग्रेस से पूछा कि एक गैंगस्टर से उसका इतना लगाव क्यों था.

कुमार ने ट्वीट कर दावा किया, “एक फर्जी प्राथमिकी दर्ज कर पंजाब सरकार ने ढाई साल से अधिक समय तक मुख्तार अंसारी को बचाया. बीस लोगों के बैरक में मुख्तार अपनी पत्नी के साथ एक वीआईपी की तरह अकेले रहा करता था. जब यूपी पुलिस ने उसे लाने का प्रयास किया तो उसे बचाने के लिए कांग्रेस द्वारा वकीलों की फीस भी भरी गई। एक गैंगस्टर से इतना लगाव क्यों.”

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पंजाब के जेल मंत्री बैंस ने मंगलवार को राज्य विधानसभा में चर्चा के दौरान आरोप लगाया था कि अंसारी के खिलाफ एक फर्जी प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद उसे दो साल और तीन महीने तक रूपनगर जेल में रखा गया.

उन्होंने सदन में कहा कि उसे (अंसारी को) वीआईपी सुविधा दी गईं और उसकी पत्नी उसके साथ रही. उन्होंने कहा कि पांच सितारा होटल की सुविधाएं उसे दी गईं.

मंत्री ने कहा था, “यह एक गंभीर मुद्दा है. मैं जेल मंत्री हूं और मुझे एक मामले के बारे में पता चला जिसमें गैंगस्टर मुख्तार अंसारी को रूपनगर जेल में दो साल और तीन महीने रखा गया था.”

उन्होंने कहा था कि उत्तर प्रदेश सरकार को अंसारी को हिरासत में लेने के लिए उच्चतम न्यायालय जाना पड़ा और तत्कालीन सरकार द्वारा अंसारी को बचाने के लिए वरिष्ठ वकीलों को लगाया गया और उन्हें मामले में पेश होने के लिए 11 लाख रुपये फीस दी गई.

मंत्री ने यह दावा भी किया कि अधिवक्ताओं की फीस के तौर पर 55 लाख रुपये का बिल पेश किया गया.

इन आरोपों से इनकार करते हुए कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने बैंस को यह साबित करने को कहा कि अंसारी की पत्नी उस जेल में थीं.

उन्होंने कहा था,

“क्या आप साबित कर सकते हैं कि उसकी (अंसारी की) पत्नी जेल में थी। यदि आप यह साबित नहीं कर सके तो आपको इस्तीफा देना पड़ेगा.”

प्रताप सिंह बाजवा

उल्लेखनीय है कि मुख्तार अंसारी को पिछले साल अप्रैल में उत्तर प्रदेश पुलिस की हिरासत में दे दिया गया और फिलहाल वह उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद है. अंसारी फिरौती के एक मामले में जनवरी, 2019 से रूपनगर जेल में निरुद्ध था.

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