यूपी चुनाव पर नया सर्वे सामने आया, क्या BJP के लिए अखिलेश ने बजा दी खतरे की घंटी? जानिए
यूपी में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए रणभेरी बज चुकी है. अबतक चुनाव को लेकर कई प्री पोल सर्वे सामने आ चुके हैं. यूपी के…
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यूपी में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए रणभेरी बज चुकी है. अबतक चुनाव को लेकर कई प्री पोल सर्वे सामने आ चुके हैं. यूपी के चुनाव में रुचि रखने वाला हर शख्स अब बस यही जानना चाहता है कि आखिर इस बार आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े प्रदेश की सियासी कमान किस दल के हाथ में होगी. एक तरफ बीजेपी है, जिसने सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की घोषणा कर रखी है, तो दूसरी तरफ अखिलेश यादव हैं, जो छोटे-छोटे दलों को साथ लाकर मजबूत चुनौती पेश करने की कोशिश कर रहे हैं. प्रियंका के नेतृत्व में कांग्रेस और मायावती के नेतृत्व में बीएसपी भी पूरे दमखम से मैदान में हैं. इस बीच एबीपी न्यूज और सी वोटर्स के नए साप्ताहिक प्री पोल सर्वे के रिजल्ट सामने आए हैं.
आपको बता दें कि सी-वोटर्स न्यूज चैनल के साथ मिलकर साप्ताहिक रूप से यूपी के लोगों के मूड को समझने की कोशिश कर रहा है. आइए आपको 18 दिसंबर को जारी किए गए सर्वे की बड़ी बातों से रुबरू कराते हैं.
आज चुनाव हुए तो किस पार्टी को कितने वोट?
हर कोई जानता है कि लोकतंत्र में सत्ता की सीढ़ी जनता के वोटों से होकर ही जाती है. इस नए साप्ताहिक सर्वे में बीजेपी प्लस को 40 फीसदी, समाजवादी पार्टी प्लस को 34 फीसदी, बीएसपी को 13 फीसदी, कांग्रेस को 7 फीसदी और अन्य को 6 फीसदी वोट मिलने का अनुमान जताया गया है. इस हिसाब से देखें तो बीजेपी गठबंधन को समाजवादी पार्टी गठबंधन से तगड़ी फाइट तो मिल रही है, लेकिन दोनों के बीच अब भी 6 फीसदी वोटों के फासले का अनुमान जताया जा रहा है.
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पर बीजेपी के लिए असल चिंता की बात ये है
फिलहाल तो बीजेपी गठबंधन बढ़त पर दिख रहा है, लेकिन एक बिंदु ऐसा भी सामने आया है, जो पार्टी योगी सरकार के लिए चिंता का सबब है. असल में न्यूज चैनल ने 4 दिसंबर को जारी सर्वे से ताजा सर्वे की तुलना भी पेश की है. इसके मुताबिक 4 दिसंबर को बीजेपी गठबंधन को 41 फीसदी वोट मिलने का अनुमान था, जो एक फीसदी घटकर 40 हो गया है. वहीं 4 दिसंबर के सर्वे में एसपी गठबंधन को 33 फीसदी वोटों का अनुमान था, जो 18 दिसंबर को बढ़कर 34 फीसदी हो गया है.
यानी बीजेपी प्लस और एसपी प्लस के बीच वोटों का फासला जो 8 फीसदी के आसपास था, दो हफ्तों के भीतर घटकर 6 फीसदी रह गया है. एक तरह से देखें तो यह समय के साथ एसपी प्लस के आगे बढ़ते जाने के अनुमान की ओर इशारा कर रहा है.
हालांकि यहां यह बात साफ कर देनी जरूरी है कि ये महज प्री पोल सर्वे के आंकड़े हैं, जिनका असल रिजल्ट से कोई संबंध नहीं. अक्सर सर्वे के आंकड़ों और असल परिणामों में काफी फर्क भी देखने को मिलता है. इसके बावजूद प्री पोल सर्वे से प्रदेश के मिजाज का एक मोटा-मोटी अनुमान जरूर हमारे सामने आता है.
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