काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की शुरुआत एसपी सरकार ने की: अखिलेश यादव

भाषा

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समाजवादी पार्टी (एसपी) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की शुरुआत अपने मुख्यमंत्रित्व काल में होने का दावा किया. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) बुनियादी सवालों से ध्यान हटाने के लिए जनता को दूसरे मुद्दों में उलझा रही है.

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार, 13 दिसंबर को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे.

12 दिसंबर को अखिलेश यादव ने लखनऊ स्थित एसपी कार्यालय में यूपी विधान परिषद के पूर्व सभापति गणेश शंकर पांडेय, बीएसपी के पूर्व सांसद भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी, गोरखपुर के चिल्लूपार के विधायक विनय शंकर तिवारी, संतकबीर नगर से बीजेपी विधायक दिग्विजय नारायण चौबे उर्फ जय, बीएसपी के पूर्व विधानसभा प्रत्याशी संतोष तिवारी और अन्य नेताओं को पार्टी की सदस्यता दिलाई.

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इस दौरान आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश ने कहा, “बीजेपी ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था जिसे वह पूरा नहीं कर सकी. महंगाई बेकाबू है. जनता यह सवाल न कर दे, इसलिए काशी विश्वनाथ कॉरिडोर…ध्यान हटाने के लिए यह सब मुद्दे उठाया जा रहे हैं.”

पूर्व मुख्यमंत्री ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की शुरुआत अपने शासनकाल में होने का दावा करते हुए कहा, “काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का प्रस्ताव भी अगर किसी ने कैबिनेट में पास किया था, शुरुआत अगर किसी ने की थी तो वह समाजवादी पार्टी की सरकार ही थी.”

इससे पहले, शनिवार को बलरामपुर में सरयू नहर परियोजना को लेकर भी अखिलेश ने राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए दावा किया था कि इस परियोजना का तीन चौथाई काम एसपी सरकार के कार्यकाल में ही हो गया था.

एसपी अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर अपने पिछले साढ़े चार साल के कार्यकाल के दौरान भेदभाव से काम करने का आरोप लगाया और कहा, “अंग्रेज ‘फूट डालो और राज करो’ के मंत्र पर काम करते थे. उसी तरह बीजेपी डरा कर और लोगों को मारकर राज करना चाहती है. आगामी विधानसभा चुनाव में जनता बीजेपी को सबक सिखाएगी.”

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अखिलेश ने कहा, ‘‘आज उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी का सवाल है. इसके अलावा पेपर लीक, छात्रों पर लाठीचार्ज, भर्तियों पर स्थगन आदेश के सवाल भी मौजूद हैं. शिक्षामित्र भटक रहे हैं. युवा दुखी हैं.’’

अखिलेश यादव ने कहा,

लखीमपुर खीरी में किसानों पर गाड़ी चढ़ाए जाने की घटना कौन भूल जाएगा. कोविड-19 महामारी के दौरान अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी, नदियों में तैरती लाशें, बीमार अस्पताल और उनमें व्याप्त अव्यवस्थाओं को भी कोई कैसे भूल सकता है. नोटबंदी के समय लोगों को लाइन में लगाने वाली सरकार को अब आगामी विधानसभा चुनाव में मतदाता वोट डालने के लिए कतार में खड़े होकर सत्ता से बाहर करेंगे.

अखिलेश यादव, समाजवादी पार्टी, अध्यक्ष

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एसपी अध्यक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार अपने शासनकाल के अंतिम दिनों में अपने वर्ष 2017 के वादे के मुताबिक छात्रों को टेबलेट देने की बात कर रही है, सुनने में आ रहा है कि सरकार यह सामान चीन से मंगवा कर देगी.

इस सवाल पर कि क्या सत्ता में आने पर समाजवादी पार्टी मौजूदा सरकार के शासनकाल में हुए कथित फर्जी मुठभेड़ मामलों की जांच कराएगी, अखिलेश ने कहा, “अभी हमारा घोषणा पत्र आने दीजिए. उसमें बहुत सारी चीजें होंगी.”

एसपी अध्यक्ष ने एक अन्य सवाल पर कहा कि जो समाजवाद है वही अंबेडकरवाद है और जो अंबेडकरवाद वही समाजवाद है, क्योंकि डॉक्टर राम मनोहर लोहिया और बाबा साहब भीमराव अंबेडकर दोनों ही जाति तोड़ने के समर्थक थे.

अखिलेश ने एक सवाल पर कहा कि सत्ता में आने पर उनकी सरकार गोरखपुर विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने के सिलसिले में केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजेगी.

उन्होंने कहा कि एसपी की सरकार बनी तो गरीबों को मुफ्त पौष्टिक भोजन देने के लिए जरूरत पड़ने पर कैंटीन बनाई जाएगी.

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