ट्रैक्टर-ट्रॉली के कॉमर्शियल इस्तेमाल पर बैन लगाने को लेकर राकेश टिकैत ने बताई ये ‘साजिश’
यूपी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है, जिसके चलते अब कृषि कार्य के लिए ही ट्रैक्टर ट्रॉलियां पंजीकृत होंगी. ट्रैक्टर ट्रॉली के कॉमर्शियल इस्तेमाल…
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यूपी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है, जिसके चलते अब कृषि कार्य के लिए ही ट्रैक्टर ट्रॉलियां पंजीकृत होंगी. ट्रैक्टर ट्रॉली के कॉमर्शियल इस्तेमाल पर पाबंदी लगाने की बात सामने आ रही है. दरअसल, ट्रैक्टर ट्रॉली से आए दिन होने वाले हादसों को रोकने के लिए यह एक कवायद मानी जा रही है. इसी मुद्दे पर अब भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ट्रैक्टर ट्रॉली पर पाबंदी लगाने एक साजिश है, ताकि आंदोलन में किसान ट्रॉलियां लेकर ना जा सकें.
भाकियू प्रवक्ता ने कहा,
“हादसे तो ट्रेन, फ्लाइट और मोटरसाइकिल से भी होते हुए आए हैं, मगर वे कभी बंद नहीं किए गए.
राकेश टिकैत
राकेश टिकैत ने हादसों की वजह गड्ढों का होना बताया है और यह भी कहा है कि तेज गति से ट्रैक्टर नहीं चलने चाहिए. राकेश टिकैत के अनुसार, ट्रैक्टर-ट्रॉली कृषि कार्यों के लिए होती है, उनसे आदमी कृषि कार्य ही करता है. उसका रजिस्ट्रेशन होता है. वह अलग से टैक्स देता है.
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टिकैत ने कहा, “किसान को अगर कहीं रिश्तेदारी में जाना है तो वह अपने ट्रैक्टर में ट्रॉली जोड़कर चले जाता है. वो कॉमर्शियल नहीं होगा. हादसा ट्रेन से हुआ है तो देश में ट्रेन तो बंद नहीं हुई, हादसा फ्लाइट से हुआ है तो फ्लाइट भी देश में बंद नहीं हुई, मोटरसाइकिल से कितने हादसे होते हैं मोटरसाइकिल की कंपनी तो बंद नहीं होती. हादसा होता है गड्ढों की वजह से. अगर कोई ट्रैक्टर तेज भगा रहा है उसे रोककर समझाया जा सकता है.”
उन्होंने आगे कहा, “जो कॉमर्शियल काम करता है वह ट्रैक्टर ट्रॉली तेज चलाता है, ट्रैक्टरों को अनियंत्रित भगाता है. किसान कोई इस तरह का काम नहीं करता है.”
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