जब चाट के चक्कर में जयंत की फ्लाइट छूटी! प्रियंका से मुलाकात का दिलचस्प किस्सा

मौसमी सिंह

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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) प्रमुख जयंत चौधरी की रविवार को लखनऊ एयरपोर्ट पर हुई मुलाकात चर्चा का विषय बनी हुई है. मगर इस मुलाकात की कहानी में लखनऊ की चाट का किस्सा कम ही लोगों को पता होगा.

बता दें कि प्रियंका रविवार को गोरखपुर में ‘प्रतिज्ञा रैली’ के बाद दिल्ली जाने के लिए लखनऊ के चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डे पहुंची थीं और उसी दौरान जयंत चौधरी भी दिल्ली जाने के लिए वहां पहुंचे थे. इसके बाद दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे तक बातचीत हुई और दोनों एक ही विमान से दिल्ली रवाना हुए.

क्या है चाट का किस्सा?

लखनऊ एयरपोर्ट पर जयंत और आरएलडी के नेताओं ने लखनऊ की एक मशहूर चाट की दुकान से व्यंजन मंगाए थे. सभी चाट खाने में जुटे थे इसी बीच वहां पर कांग्रेस के नेता दीपेंद्र हुड्डा भी पहुंच गए. वह भी चाट के शौकीन हैं तो मौका कैसे जाने देते.

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फिर क्या था मजमा लगा, लेकिन आलू की टिक्की खत्म हो गई. स्वाद फीका ना रह जाए, इसलिए चाट की एक दूसरी खेप मंगाई गई. मगर जिस नेता को यह जिम्मा दिया गया वह रास्ते में ट्रैफिक में फंसा था.

इसी बीच प्रियंका और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल भी एयरपोर्ट पर पहुंच गए. इसके बाद सियासी तड़के के साथ चाट का तड़का भी लग गया और सभी चाट का इंतजार करने लगे. मगर जयंत की फ्लाइट का टाइम हो रहा था. ऐसे में भूपेश बघेल ने एक ही विमान से जाने का एक उपाय सुझाया ताकि चाट का जायका भी फीका न पड़े.

चाट को लेकर माहौल इस तरह बना कि आरएलडी के नेता त्रिलोक त्यागी जो फ्लाइट में चेक-इन कर गए थे उनको वापस बुलाया गया.

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दिलचस्प बात यह है कि ”चाट के चक्कर में” जयंत ने जो फ्लाइट छोड़ी उस पर समाजवादी पार्टी (एसपी) अध्यक्ष अखिलेश यादव भी सवार थे. ऐसे में अटकलें लगने लगीं कि कहीं आरएलडी साइकिल की सवारी न करके कांग्रेस का हाथ तो नहीं थाम रही?

इस संदर्भ में त्रिलोक त्यागी ने बताया, ‘‘वह शिष्टाचार भेंट थी, हवाई अड्डे पर हम भी थे, चुनाव घोषणा पत्र जारी करने के बाद हम वहां पहुंचे थे.” उन्होंने कहा कि हम लोग वहां बैठे रहे, चाट आ गई, सबने खाई और शिष्टाचार बातचीत हुई. त्यागी ने कहा, ”हम लोगों (आरएलडी) का 2019 से ही एसपी से गठबंधन है और बातचीत अब सीटों (के बंटवारे) पर चल रही है.”

उधर, अखिलेश यादव ने भी कहा कि उनकी पार्टी और आरएलडी के बीच गठबंधन मुकम्मल है और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के लिए सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप दिया जाना है.

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(भाषा के इनपुट्स के साथ)

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