ब्रिटेन में ऋषि सुनक के PM बनने पर मायावती ने ट्वीट कर राजनैतिक पार्टियों को दिया ये सुझाव

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ब्रिटेन में भारतीय मूल के ऋषि सुनक के पीएम बनने पर बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने ट्वीट कर देश में दलित पीएम चुनने की बात की है. मायावती का कहना है कि एक ओर जहां अमेरिका व यूरोप के अमीर व विकसित देश बुरे दौर से निकलने के लिए नित नए प्रयोग कर रहे हैं वहीं भारत को भी यहां की जनता के भविष्य के लिए संकीर्ण एवं जातिवादी सोच त्यागना होगा.

मायावती ने ट्वीट कर कहा- ‘भारतीय मूल के श्री ऋषि सुनक के अन्ततः ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनकर इतिहास रचने पर यहां कांग्रेस व बीजेपी में ट्विटर वॉर, आरोप-प्रत्यारोप व इधर-उधर की बात जारी है, किन्तु उस राजनीतिक हक व इंसाफ की बातें नहीं की जा रही हैं जिस कारण देश में अभी तक कोई दलित पीएम नहीं बन पाया है।’

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मायावती ने एक अन्य ट्वीट में कहा- ‘ऐसे समय जब अमेरिका व यूरोप के अमीर व विकसित देश जबर्दस्त संकटों के बुरे दौर से जुझ रहे हैं तथा स्थिति को संभालने के लिए नित्य नए प्रयोग कर रहे हैं, भारतीय हुक्मरानों को भी देशहित व यहाँ की जनता के भविष्य के लिए अपनी संकीर्ण एवं जातिवादी सोच को त्यागना ही होगा।’

पिछड़े व उपेक्षितों का सच्चा हितैषी कौन?

मायावती ने तीसरे ट्वीट में कहा- ‘इसी क्रम में यह जांच/परख जरूरी है कि दलित, पिछड़े व उपेक्षितों का सच्चा हितैषी कौन? क्या परमपूज्य बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर को भुलाकर उनके करोड़ों अनुयाइयों का कोई असली हितैषी हो सकता है, जैसाकि श्री खड़गे सहित अन्य विरोधी नेतागण उनकी पार्टी की संकीर्ण सोच से मजबूर हैं।’

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ध्यान देने वाली बात है कि मायावती ने बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर भी कहा था कि ‘बहुजन समाज आज़ादी के बाद 75 वर्षों में अपना संवैधानिक व कानूनी हक मांगते हुए थक गए. अब उन्हें पूरी ताकत के साथ हुकमरान समाज बनने के अभियान में जुट जाना होगा.’

गौरतलब है कि काफी समय से चुप रहीं मायावती अब निकाय चुनाव के करीब आते ही एक बार फिर से एक्टिव नजर आ रही हैं. बसपा सुप्रीमो मायावती ने हाल ही में प्रदेश स्तरीय पार्टी पदाधिकारियों की बैठक बुलाई थी. हालांकि इस बैठक में समीश चंद्र मिश्रा नदारद रहे. मायावती को पीएम बनाने की शर्त रख आगामी लोकसभा चुनाव के लिए विपक्ष के महागंठबंधन में बसपा के शामिल होने की बात भी पार्टी से आ चुकी है. इधर ऋषि सुनक के पीएम बनने के बाद बसपा सुप्रीमों ने फिर दलित के पीएम बनने की बात की है.

मायावती बोलीं- ‘ये गैरसरकारी मदरसे सरकार पर बोझ नहीं बनना चाहते तो फिर इनमें दखल क्यों?’

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