लखीमपुर हिंसा: ओवैसी बोले- ‘टेनी को नहीं हटाएंगे PM मोदी क्योंकि वह अपर कास्ट से हैं’
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (SIT) की ओर से घटना को एक ‘सोची-समझी साजिश’ करार दिए जाने के बाद…
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लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (SIT) की ओर से घटना को एक ‘सोची-समझी साजिश’ करार दिए जाने के बाद इस मामले में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी की प्रतिक्रिया सामने आई है.
न्यूज एजेंसी एएनआई से मंगलवार को बातचीत में ओवैसी ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नैतिकता के आधार पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को हटा देना चाहिए.”
AIMIM चीफ ने आगे कहा,
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“अब जब यह पता चल गया है कि लखीमपुर की घटना सुनियोजित हत्या की थी तो प्रधानमंत्री को नैतिकता के आधार पर मंत्री (अजय मिश्रा टेनी) को उनके पद से हटा देना चाहिए. वह (पीएम) ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि मंत्री (टेनी) अपर कास्ट से आते हैं और पीएम आगामी यूपी चुनाव में उनके वोट चाहते हैं.”
असदुद्दीन ओवैसी
बता दें कि लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रही SIT ने अदालत से कहा कि चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या की घटना एक ‘सोची-समझी साजिश’ थी. वहीं SIT ने मामले में अधिक गंभीर आरोपों को शामिल किए जाने का भी अनुरोध किया. केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा इस मामले के 13 आरोपियों में शामिल हैं.
SIT के आवेदन पर दलीलों को सुनने के बाद लखीमपुर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) चिंता राम ने तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में तिकुनिया क्षेत्र में हुई हिंसा के मामले की पड़ताल कर रही SIT को मुकदमे में हत्या के प्रयास की धारा जोड़ने की मंगलवार को इजाजत दे दी.
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मामले में SIT ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत से तिकुनिया मामले में धारा 279 (लापरवाही से गाड़ी चलाना), 338 (लापरवाही के कारण गंभीर चोट पहुंचाना) और 304-अ (लापरवाही के कारण मौत) जैसे कम गंभीर आरोपों को धारा 307 (हत्या के प्रयास) से बदलने का आग्रह किया था.
SIT ने मामले के 13 आरोपियों के वॉरंट में धारा 326 (खतरनाक हथियारों से जानबूझकर चोट पहुंचाना), 34 (साझा मंशा से अनेक लोगों की और से कृत्य करना) और शस्त्र अधिनियम की धारा 3/25/30 को भी जोड़ने की सिफारिश की थी.
वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी (एसपीओ) एसपी यादव ने ‘भाषा’ से कहा,
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“मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चिंता राम ने विशेष जांचकर्ताओं को मुकदमा संख्या 219 में 13 आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 307, 326 और शस्त्र अधिनियम की धारा 3/25/25 को जोड़ने की अनुमति दे दी. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का बेटा आशीष इस मामले में मुख्य अभियुक्त है.”
एस.पी. यादव
उन्होंने कहा, “अभियोजन और बचाव पक्ष के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मंगलवार को मुकदमे से धारा 279, 338 और 304-अ हटाने की भी अनुमति दे दी.”
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मुकदमा संख्या 219 के सभी 13 आरोपियों को मंगलवार को अदालत में पेश किया गया. वे सभी तिकुनिया में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा में चार किसानों और एक स्थानीय पत्रकार की मौत से संबंधित मुकदमे में आरोपी हैं.
बचाव पक्ष के वकीलों ने अदालत में जिरह के दौरान IPC की धारा 34 और शस्त्र अधिनियम की धाराओं पर आपत्ति दर्ज कराई. एसपीओ ने बताया कि इस पर अदालत ने धारा 34 को असंगत माना क्योंकि अभियुक्तों को धारा 149 के तहत पहले ही हिरासत में लिया जा चुका है.
लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रही SIT ने अब तक की विवेचना और संकलित साक्ष्यों के आधार पर दावा किया है कि जिस हिंसा के कारण चार किसानों और एक पत्रकार की मौत हुई और कई अन्य लोग घायल हुए, वह ‘‘लापरवाही का मामला नहीं’’ था.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)
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