कानून व्यवस्था के मोर्चे पर जो ‘प्रश्न प्रदेश’ था, आज वही ‘उत्तर प्रदेश’ बन गया है: CM

भाषा

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि 2017 के पहले प्रदेश की कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा पर राज्य में ही नहीं, देश-दुनिया में प्रश्न खड़े होते थे, लेकिन अब पुलिस में बेटियों की भागीदारी से तस्वीर बदल गई है.

सीएम योगी ने कहा, ”मार्च 2017 में ही हमारी सरकार ने तय किया था कि हम प्रदेश में होने वाली भर्ती प्रकिया में 20 फीसदी महिलाओं और बेटियों को स्थान देंगे, पिछले साढ़े चार साल में जो भी पुलिस भर्ती हुई, उसमें प्रदेश की बेटियों ने बढ़-चढ़कर भागीदारी की है.”

एक सरकारी बयान के मुताबिक, ये बातें बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस कमिश्नरेट के लखनऊ भवन के शिलान्यास और राजकीय भवनों के लोकार्पण के मौके पर कही हैं. इस दौरान मुख्यमंत्री ने दीक्षांत परेड का निरीक्षण किया और उल्लेखनीय कार्य करने वाले पुलिसकर्मियों को पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया.

सीएम योगी ने कहा, ‘‘कानून व्यवस्था के मोर्चे पर जो प्रदेश पांच वर्ष पहले प्रश्न प्रदेश बना हुआ था, आज वही राज्य उत्तर प्रदेश बन गया है. हमने प्रदेश में लगभग डेढ़ लाख पुलिसकर्मियों की भर्ती की है, जो पूरी तरह पारदर्शी तरीके से हुई है. इसके साथ ही प्रशिक्षण क्षमता का भी विकास हुआ है. 2017 के पहले मात्र छह हजार रिक्रूट का प्रशिक्षण किया जा सकता था और आज ही 15428 रिक्रूट के सफल प्रशिक्षण को दीक्षांत परेड के माध्यम से देख रहे हैं.’’

मुख्यमंत्री ने पिछली सरकारों में ‘पुलिस की बदहाली’ का जिक्र करते हुए कहा कि पहले पुलिस आरक्षियों के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी और न घर थे और न आफिस में बैठने के लिए जगह थी. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस बल पर जितना किसी भी सरकार ने व्यय किया होगा, उससे कई गुना ज्यादा हमने साढ़े चार साल में खर्च किया है.

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