अनुप्रिया पटेल बोलीं- ओबीसी वर्ग को आरक्षण मिलने के बाद ही होंगे नगरीय निकाय चुनाव
सोमवार को अपना दल (एस) ने लखनऊ स्थित कैंप कार्यालय पर केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल (Anupriya Patel) की अगुवाई में मासिक…
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सोमवार को अपना दल (एस) ने लखनऊ स्थित कैंप कार्यालय पर केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल (Anupriya Patel) की अगुवाई में मासिक बैठक की. इस बैठक में प्रदेश भर से अपना दल (एस) के कार्यकर्ताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. अनुप्रिया पटेल ने बैठक के बाद यूपी तक से खास बातचीत की है.
यूपी तक से बातचीत में अनुप्रिया पटेल ने कहा कि नए साल की शुरुआत में अपना दल (एस) की यह पहली बैठक है, जिसमें पूरा अपना दल परिवार इकट्ठा हुआ है. इस दौरान चर्चा भी की गई कि कैसे 2023 में पार्टियों को और बुलंदियों पर ले जाया जाए. बैठक में जिला और मंडल स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठकर समीक्षा की गई है.
निकाय चुनाव से पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा ओबीसी रिजर्वेशन को रद्द किए जाने मसले पर अनुप्रिया पटेल ने कहा कि आरक्षण रद्द होने के बाद तत्काल बिना विलंब किए प्रदेश सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया और उसकी पहली बैठक भी संपन्न हो गई है, जिसमें पिछड़ों की स्थिति और उनकी संख्या का आकलन किया जा रहा है. इसमें हो सकता है कि समय लगे, लेकिन हमारी एनडीए सरकार और अपना दल (एस) का भी स्पष्ट मत है कि पिछड़ों का आरक्षण तय करने के उपरांत ही नगर निकाय चुनाव कराए जाए.
अगर सरकार कोर्ट में सही से तैयारी करके पैरवी की होती, तो जो यह आयोग का गठन कर रही है, ट्रिपल टेस्ट करा रही है तो यह ना करना पड़ता और फैसला कुछ और आता है? इस सवाल पर अनुप्रिया पटेल ने कहा,
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सरकार ने लगातार 2014 से पिछड़े वर्ग को लेकर कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं क्योंकि मैं खुद ही सरकार से जुड़ी रही. ऐसे में चाहे वह पिछड़ा वर्ग को संवैधनिक दर्जा देने का विषय हो या केंद्रीय और सैनिक विद्यालय में पिछड़े वर्ग के बच्चों को कोटे के तौर पर एक सुनिश्चित व्यवस्था करके अपनी प्रतिबद्धता को जाहिर करना.
अनुप्रिया पटेल
वहीं, जातीय जनगणना से जुड़े सवाल पर अनुप्रिया ने कहा कि जाति जनगणना 2021 में होनी चाहिए थी, जिसमें अभी थोड़ा विलंब हो रहा है. जाति जनगणना जरूर होनी चाहिए, ताकि पता चले कि हमारे देश के अंदर सामाजिक ढांचे में जो विभिन्न-विभिन्न जाति समुदाय के लोग रहते हैं, उनकी सही संख्या के क्या आंकड़े हैं. संख्या के साथ-साथ शैक्षिक पिछड़ेपन और सामाजिक दृष्टि से उनकी क्या तस्वीर है, वह सभी के साथ सही आंकड़े के तौर पर निकल कर आनी चाहिए.
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अगर प्रदेश सरकार पिछड़े वर्ग से किए गए वादों को पूरा करने में मुकरती है तो अपना दल (एस) का क्या स्टैंड रहेगा? इस पर अनुप्रिया पटेल ने कहा कि सरकार पिछड़े वर्ग को लेकर मुकरती है या क्या कुछ करती है, यह एक एक काल्पनिक चीज है, लेकिन अपना दल (एस) हमेशा जो समाज का पिछड़ा तबका है उसके संघर्ष के लिए तत्पर रहेगी.
उन्होंने आगे कहा कि चाहे वह संसद हो या फिर उत्तर प्रदेश की विधानसभा पिछड़े तबके के अधिकारों के हक की लड़ाई लड़ते रहेंगे और आवाज उठाते रहेंगे. आज इसी का नतीजा है कि कई मसलों का समाधान हुआ है और जो बचे हैं, उसका समाधान भी होगा. जिन परिस्थितियों की यूपी तक बात कर रहा है कि अगर प्रदेश सरकार पिछड़े वर्ग से किए गए वादों को मुकर जाती है तो मुझे ऐसे ही कोई संभावनाएं नहीं दिख रही हैं. पिछड़े वर्ग के साथ अपना दल (एस) हमेशा खड़ी रहेगी. अपना दल पिछड़ों के साथ कोई अन्याय नहीं होने देगी. हम निरंतर आवाज उठाते रहेंगे और पिछड़ों के हक के लिए लड़ाई लड़ते रहेंगे.
कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ पर अनुप्रिया ने कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ जो है, वह इसलिए की जा रही है क्योंकि संगठन की बहुत ही बुरी स्थिति है. तो ऐसे में पार्टी तो ऐसा करेगी ही. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जो लोकप्रियता है, जिसमें गरीबों के कल्याण के लिए जो योजनाएं हैं, वह आम व्यक्ति तक पहुंची हैं, तो इस पर कोई अभी प्रश्नचिन्ह नहीं है कि आने वाले 2024 के चुनाव में भी एनडीए की सरकार बनेगी और वह भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में.
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