‘INDIA’ की बैठक में सीट बंटवारे का ये फॉर्मूला लेकर जाएंगे अखिलेश! क्या बन पाएगी बात?

कुमार अभिषेक

ADVERTISEMENT

अखिलेश यादव बोले- ये लड़ाई लंबी, BJP जैसी बड़ी पार्टी से लड़ना है तो बहुत तैयारी करनी होगी
अखिलेश यादव बोले- ये लड़ाई लंबी, BJP जैसी बड़ी पार्टी से लड़ना है तो बहुत तैयारी करनी होगी
social share
google news

Akhilesh Yadav News: विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों के प्रमुख नेताओं की बैठक मंगलवार को दिल्ली में होगी. इसमें आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सीट के बंटवारे, साझा जनसभाओं और नए सिरे से रणनीति बनाने समेत कई मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है. आपको बता दें कि दिल्ली में होने इस बैठक में समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव यूपी की अगुवाई कर अपना खाका रखेंगे. सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश इस बैठक में यूपी में खुद के लिए और गठबंधन के साझेदारों के लिए भी सीट का फॉर्मूला लेकर जा रहे हैं.

क्या है अखिलेश का फॉर्मूला?

अखिलेश का फॉर्मूला है सभी दल अपनी ताकत और हैसियत के हिसाब से उत्तर प्रदेश में सीटें लें. सिर्फ अपना नंबर बढ़ाने के लिए सीटों का फॉर्मूला ना रखा जाए. अखिलेश के अनुसार, सीट बंटवारे का एकमात्र फॉर्मूला जीत की गारंटी होनी चाहिए. यानी जो उम्मीदवार जीतने की ताकत और हैसियत रखता है, वह चाहे किसी पार्टी का हो उसे टिकट मिलनी चाहिए.

इंडिया की इस बैठक में इस बात पर जोर होगा की सीटों का बंटवारा घटक दलों के बीच कैसे हो? और यहीं पर अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश में सीट बंटवारे में अपना नेतृत्व चाहते हैं. यानी उनकी अगुवाई में ही घटक दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर सहमति बने.

कांग्रेस आला कमान ने लिया अब ये फैसला

हिंदी पट्टी की तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस पार्टी बैकफुट पर है. यही अखिलेश यादव के लिए एडवांटेज बन गया है. कांग्रेस पार्टी भी अखिलेश को नाराज करने के मूड में नहीं है. बीती शाम दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में हुई यूपी कांग्रेस और कांग्रेस आला कमान के बीच बैठक में इस बात का इशारा मिल गया कि पार्टी उत्तर प्रदेश में अब समाजवादी पार्टी के साथ तल्खी नहीं चाहेगी.

बता दें कि कांग्रेस के अधिकतर नेताओं ने मौजूदा गठबंधन (सपा- राष्ट्रीय लोक दल) के साथ ही चुनाव लड़ने पर जोर दिया है. हालांकि कुछ BSP को भी एलायंस में लाने की वकालत करते दिखे हैं.

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

कांग्रेस की इस बैठक में ‘गठबंधन धर्म’ निभाने पर भी फोकस रहा. इससे साफ दिखाई देता है कि कांग्रेस अब उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी पर दबाव बनाने की स्थिति में नहीं है. न ही उसके पास बसपा के साथ गठबंधन करने का कोई पका पकाया फॉर्मूला तैयार है. ऐसे में अब अखिलेश यादव गठबंधन में अपने फॉर्मूला को लेकर भारी पड़ सकते हैं.

गौरतलब है कि अगले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का मुकाबला करने के लिए 26 विपक्षी दलों ने ‘इंडिया’ गठबंधन बनाया है. ‘इंडिया’ गठबंधन की अब तक तीन बैठक पटना, बेंगलुरु और मुंबई में हो चुकी है.

 

ADVERTISEMENT

    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT