मोदी सरकार के फैसले में अखिलेश यादव ने खोज ली अपनी जीत, कर्पूरी ठाकुर से जुड़ा है मामला, जानें

रजत कुमार

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Uttar Pradesh News : केंद्र सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर (Bharat Ratna to Karpoori Thakur) को भारत रत्न दिए जाने का ऐलान किया गया है. बता दें कि कर्पूरी ठाकुर की बुधवार को होने वाली 100वीं जन्म जयंती से पहले उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किए जाने का ऐलान किया गया है. जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने की मांग की थी. वहीं मोदी सरकार के इस फैसले में अखिलेश यादव ने अपनी जीत खोज ली है.

अखिलेश ने कही ये बात

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कर्पुरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने के फैसले पर खुशी जताई है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया X पर पोस्ट कर लिखा कि, ‘जननायक कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत घोषित भारत रत्न दरअसल सामाजिक न्याय के आंदोलन की जीत है. जो दर्शाती है कि सामाजिक न्याय व आरक्षण के परंपरागत विरोधियों को भी मन मारकर अब पीडीए के 90% लोगों की एकजुटता के आगे झुकना पड़ रहा है.’ सपा प्रमुख ने आगे लिखा कि, ‘पीडीए की एकता फलीभूत हो रही है.’

समाजवाद का बड़ा चेहरा थे कर्पुरी ठाकुर

कर्पूरी ठाकुर 1952 में ताजपुर विधानसभा क्षेत्र से सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर जीतकर विधायक बने थे. कर्पूरी ठाकुर बिहार की सियासत में समाजवाद का एक बड़ा चेहरा बन गए. मंडल आंदोलन से भी पहले मुख्यमंत्री रहते हुए पिछड़ों को 27 फीसदी आरक्षण दिया था. लोकनायक जयप्रकाश नारायण और राम मनोहर लोहिया इनके राजनीतिक गुरु थे. 17 फरवरी, 1988 को उनका निधन हो गया था. केंद्र सरकार की तरफ से यह ऐलान ऐसे समय में किया गया है, जबकि एक दिन बाद 24 जनवरी को ही जननायक कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती है.

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