अखिलेश फिर बने SP के राष्ट्रीय अध्यक्ष, यादवों और मुस्लिमों के साथ ‘साजिश’ का लगाया आरोप
अखिलेश यादव को गुरुवार को लगातार तीसरी बार समाजवादी पार्टी (सपा) का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया. चुनाव अधिकारी और पार्टी के वरिष्ठ नेता राम…
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अखिलेश यादव को गुरुवार को लगातार तीसरी बार समाजवादी पार्टी (सपा) का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया. चुनाव अधिकारी और पार्टी के वरिष्ठ नेता राम गोपाल यादव ने सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में उन्हें निर्विरोध पार्टी अध्यक्ष चुने जाने का ऐलान किया. इस मौके पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपना संबोधन दिया. अपने संबोधन में अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग पर हमला बोला. अखिलेश के अनुसार, 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर काम कर रहा था और जिन यादवों और मुसलमानों के वोट समाजवादी पार्टी को पड़ने थे, वो नहीं पड़े.
अखिलेश ने आरोप लगाते हुए कहा,
“ये सरकार जनता की बनाई हुई नहीं है. जनता को भी भरोसा नहीं है कि ये सरकार कैसे बन गई. उत्तर प्रदेश में समाजवादियों की सरकार बन गई थी. ये सरकार छीनी है इन्होंने. पूरी की पूरी मशीनरी लगाकर सरकार छीन ली, क्योंकि इन्हें पता था कि यूपी की सरकार गई तो दिल्ली की भी चली जाएगी. इलेक्शन कमीशन से हमें सबसे ज्यादा उम्मीद थी कि न्याय मिलेगा. उसने बीजेपी के इशारे पर, पन्ना प्रभारियों के इशारे पर जानभूझकर के हमारे यादव और मुसलमानों के वोट कोई ऐसी विधानसभा नहीं है, जहां 20 हजार कम न कर दिए हों.”
अखिलेश यादव
अखिलेश ने कहा, “आज ही जांच करके देख लो 20-20 हजार वोट हमारे उड़ा दिए गए. कइयों के नाम काट दिए गए, कइयों को एक से दूसरे बूथ पहुंचा दिया गया.”
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सपा प्रमुख ने कहा, “ये सदस्यता का कार्यकम बहुत अच्छा चला है और आने वाले समय में हमें और जरूरत पड़ेगी तो ये अभियान और चलाया जाएगा और ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ा जाएगा. वो लोग भी आज समाजवादी से जुड़ रहे हैं, जो बाबा साहेब का सपना पूरा करना चाहते हैं. शोषित, दलित, पिछड़े आज सभी समाजवादी की तरफ़ उम्मीद से देख रहे हैं. हम लोहिया और बाबा साहेब के विचारों के साथ चल रहे हैं.”
अखिलेश ने कहा, “केवल देश में नहीं बल्कि पूरी दुनिया में इतना झूठ बोलने वाला कोई पार्टी नहीं रही होगी. हिटलर की सरकार में एक झूठ का प्रोपोगंडा मंत्री था, लेकिन ये भाजपा सरकार पूरी की पूरी झूठी है. आज हम भी नवरात्र के अवसर पर प्रार्थना करते हैं की ये सरकार सच बोलने लगे और झूठ ना बोले.”
सपा मुखिया ने कह,
“इस सरकार ने नोटबंदी और जीएसटी लाकर हमारी जनता को बहुत परेशान किया और फिर तीन काले कानून लाकर किसानों का उत्पीड़न किया, जिसकी वजह से कई किसानों ने आत्महत्या कर ली. और चुनाव के समय ये कानून वापिस ले लिए गए सिर्फ चुनाव के लिए. ये सरकार आरक्षण के साथ खिलवाड़ कर रही है.”
अखिलेश यादव
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अखिलेश ने उठाया आजम खान का मुद्दा
सपा अध्यक्ष ने कहा, “जब से बीजेपी की सरकार आई है, आजम खान साहब के ऊपर अन्याय नहीं रुक रहा है. राजनीतिक इतिहास में कम लोग होंगे जिनके ऊपर इतने केस लगाए गए हों, झूठे मुकदमे लगाए गए हों. अधिकारियों से यह कहा गया है आपको अच्छी जगह पोस्टिंग और प्रमोशन तब मिलेगा जब आप अन्याय करेंगे. 2 साल तक उन्हें जेल में रहना पड़ा. उनके परिवार का कोई सदस्य नहीं बचा जिसके ऊपर झूठे मुकदमे न लगे हों. जहां भी वह न्याय के लिए गए, को सुनने वाला नहीं है.”
गौरतलब है कि पार्टी में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव से गतिरोध के कारण पार्टी के झंडे और चुनाव निशान को लेकर अदालती लड़ाई जीतने के बाद अखिलेश यादव को एक जनवरी 2017 को आपात राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाकर पहली बार पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव के स्थान पर दल का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था. उसके बाद अक्टूबर 2017 में आगरा में हुए विधिवत राष्ट्रीय अधिवेशन में उन्हें एक बार फिर सर्वसम्मति से पार्टी का अध्यक्ष चुना गया था. उस वक्त पार्टी के संविधान में बदलाव कर अध्यक्ष के कार्यकाल को तीन साल से बढ़ाकर पांच वर्ष कर दिया गया था.
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आपको बता दें कि अक्टूबर 1992 में गठित सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर अब तक यादव परिवार का ही कब्जा रहा है. अखिलेश से पहले मुलायम सिंह यादव ही पार्टी के अध्यक्ष रहे. सपा का यह राष्ट्रीय अधिवेशन वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव और 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी की लगातार चुनावी शिकस्तों के बाद आयोजित हो रहा है.
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