नीतीश के बाद जयंत चौधरी भी 'INDIA' को बोलेंगे बाय? RLD चीफ को भाजपा से मिले ये 2 बड़े ऑफर
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले NDA को सत्ता से बेदखल करने की मंशा से बने 'INDIA' ब्लॉक में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है... जानें पूरा मामला
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Jayant Chaudhary News: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले NDA को सत्ता से बेदखल करने की मंशा से बने 'INDIA' ब्लॉक में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. बीते दिनों ब्लॉक के बड़े पार्टनर्स में से एक बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने पाला बदलकर NDA का दामन थाम लिया था. वहीं, अब खबर है कि ब्लॉक के एक और साथी और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के मुखिया जयंत चौधरी भी कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं. सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा है कि जयंत भी NDA कैंप का हिस्सा बन सकते हैं, क्योंकि भाजपा ने उन्हें यूपी में 4 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऑफर दिया है.
चार सीटों के अलावा भाजपा ने एक और ऑफर!
मिली जानकारी के मुताबिक, भाजपा की तरफ से रालोद को कैराना, बागपत, मथुरा और अमरोहा लोकसभा सीटें ऑफर की गई हैं. इसके अलावा, जयंत को एक राज्यसभा की सीट दिए जाने की पेशकश भी भाजपा ने की है. चर्चा है कि उत्तर प्रदेश में जो 10 राज्यसभा सीट खाली हो रही हैं, उनमें से एक सीट जयंत (गठबंधन होने पर) को भी दी जा सकती है.
क्या है सपा और रालोद के बीच दरार की वजह?
बीते दिनों समाजवादी पार्टी (सपा) चीफ अखिलेश यादव ने X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर बताया था कि लोकसभा चुनाव के लिए उनका रालोद से गठबंधन तय हो गया है. पोस्ट में अखिलेश ने कहा था कि रालोद 'इंडिया' के बैनर तले 7 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. मगर अब दोनों के बीच दरार की खबरें हैं. सूत्रों के अनुसार, सपा चाहती है कि मुजफ्फरनगर, कैराना और बिजनौर लोकसभा सीटों पर उसके उम्मीदवार रालोद के चुनाव चिह्न पर लड़ें और यही बात दोनों के बीच टेंशन की वजह बताई जा रही है.
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जयंत ने बनाई INDIA से दूरी!
आपको बता दें कि पिछले कुछ समय से जयंत 'इंडिया' ब्लॉक से दूरी बनाते हुए दिख रहे हैं. कई दिनों से जयंत संसद में भी नहीं दिखाई दिए हैं और इसे उनके नए फैसले लेने से पहले की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है. वहीं, छपरौली में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के अनावरण पर होने वाली जयंत की रैली फिलहाल टाल दी गई है. हालांकि इसके पीछे की वजह आधिकारिक तौर पर यह बताई गई है कि अभी वहां की जमीन गीली है और बड़ी रैली नहीं की जा सकती है. मगर माना जा रहा है कि जयंत और भाजपा के बीच गठबंधन को लेकर चल रही बातचीत के मद्देनजर इसे टाला गया है.
रैली में पीएम को बुलाया जा सकता है
ऐसी चर्चा है कि अगर रालोद और भाजपा में डील तय हो गई तो छपरौली में होने वाली रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुलाया जा सकता है.
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