SP विधायक दल की बैठक का न्योता न मिलने पर छलका शिवपाल का दर्द, इटावा में कह दी ये बड़ी बात

अमित तिवारी

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समाजवादी पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष अखिलेश यादव को शनिवार, 26 मार्च को सर्वसम्मति के साथ पार्टी के विधायक दल और विधानमंडल दल का नेता चुना गया. इस खबर के साथ ही इस बात पर भी काफी चर्चा रही कि एसपी की बैठक में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के मुखिया शिवपाल सिंह यादव को नहीं बुलाया गया और इसे लेकर वह नाराज भी बताए गए. 2022 का यूपी विधानसभा चुनाव शिवपाल ने एसपी की टिकट पर लड़ा था और जसवंत नगर सीट से उनकी जीत हुई थी.

बता दें कि बैठक में न बुलाए जाने की बाद शिवपाल वापस इटावा लौट गए. इटावा लौटने पर शिवपाल एक कार्यक्रम में पहुंचे और यहां उन्होंने रामायण और महाभारत के चरित्रों का उदाहरण देकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा, “हमें हनुमान की भूमिका याद रखनी चाहिए, क्योंकि उन्हीं की वजह से राम युद्ध जीत सके थे.” शिवपाल यादव का ये बयान परोक्ष रूप से समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर निशाने के तौर पर देखा जा रहा है.

इटावा लौटने पर शिवपाल एक भागवत कथा में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा,

“भगवान राम का राजतिलक होने वाला था, लेकिन उनको वनवास जाना पड़ा. इतना ही नहीं हनुमान जी की भूमिका भी बेहद महत्वपूर्ण थी, क्योंकि अगर वह नहीं होते, तो राम युद्ध नहीं जीत पाते. ये भी याद रखें कि हनुमान ही थे, जिन्होंने लक्ष्मण की जान बचाई.”

शिवपाल यादव

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शिवपाल ने कहा, “विषम परिस्थितियां कभी-कभी आती हैं. आमजन ही नहीं, भगवान पर भी विषम परिस्थितियां आईं. कई संकट आए, लेकिन अंत में जीत सत्य की ही होती है. जनता ने आशीर्वाद दिया हम विधायक बने और समाजवादी पार्टी में सबसे बड़ी जीत हमारी हो गई.”

महाभारत के चरित्रों का वर्णन कर शिवपाल यादव ने कहा, “धर्मराज युधिष्ठिर को शकुनि से जुआ नहीं खेलना चाहिए था. अगर जुआ खेलना ही था तो दुर्योधन के साथ खेलते, लेकिन जुआ शकुनि के साथ खेल लिया. अब ये भी सच है कि वह शकुनि ही थे, जिन्होंने महाभारत करा दी थी.”

आपको बता दें कि इसी कथा में शिवपाल के समधी और सिरसागंज के पूर्व विधायक हरिओम यादव भी मौजूद थे. हरिओम यादव इस बार बीजेपी के टिकट से विधानसभा का चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. हरिओम यादव को लेकर शिवपाल ने कहा, “हम तो चाहते थे कि हरिओम यादव अपनी विधानसभा से चुनाव जीत कर विधायक बन जाएं, लेकिन क्या करें वह हार गए.”

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