हमारी बसपा से कोई बातचीत नहीं हुई: सुभासपा नेता अरुण राजभर

भाषा

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बहुजन समाज पार्टी (BSP) से गठजोड़ की इच्छा जताने वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) पर BSP के राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद (Akash Anand) द्वारा परोक्ष रूप से हमला किए जाने के बाद, सुभासपा नेता अरुण राजभर (Arun Rajbhar) ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी ने ना तो बसपा से कोई संपर्क किया है और ना ही गठबंधन के बारे में कोई बातचीत हुई है.

आनंद ने सोमवार को एक ट्वीट में राजभर का नाम लिए बगैर उन पर हमला करते हुए कहा था कि कुछ लोग BSP मुखिया मायावती के नाम पर अपनी दुकान चलाना चाहते हैं और ऐसे ‘स्वार्थी लोगों’ से सावधान रहना चाहिए.

अरुण राजभर ने आनंद के बयान के बारे में पूछे जाने पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘उनका जो कहना है, वह उनकी अपनी राय है. हमने सिर्फ अपनी प्राथमिकताओं के बारे में बात की है. हम ना तो बसपा के पास गए हैं और ना ही उसके नेतृत्व से कोई बात की है.”

उन्होंने कहा कि सियासत में सब कुछ अनिश्चित है और राजनीतिक समीकरण बदलते रहते हैं और उन्हीं के मुताबिक फैसला लिया जाता है.

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ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश का पिछला विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ मिलकर लड़ी सुभासपा के सपा से रिश्ते खराब होने के बाद राजभर ने गत रविवार को जौनपुर में कहा था कि उनका व्यक्तिगत रुप से मानना है कि अब बसपा की तरफ हाथ बढ़ाया जाना चाहिए, लेकिन इस बारे में अंतिम निर्णय पार्टी नेताओं से विचार-विमर्श करके ही लिया जाएगा.

सुभासपा की भविष्य की रणनीति के बारे में पूछे जाने पर अरुण राजभर ने कहा, ‘‘कुछ समय दीजिए. इस विषय में हम अभी कुछ नहीं कह सकते. हम अभी पार्टी के बस्ती मंडल के पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. दो-तीन दिन बाद हम अपनी रणनीति का खुलासा करेंगे. अगर हम अभी अपनी रणनीति बता देंगे तो यह नाकाम हो जाएगी.’’

यह पूछे जाने पर कि क्या सुभासपा एक बार फिर भाजपा से हाथ मिलाएगी, राजभर ने कहा, ‘‘इस समय इस बारे में कुछ भी कहना सही नहीं होगा.’’

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गौरतलब है कि सुभासपा ने इस साल के शुरू में हुआ विधानसभा चुनाव सपा के साथ मिलकर लड़ा था और उसे छह सीट हासिल हुई थीं, मगर चुनाव में सपा नीत गठबंधन को अपेक्षित सफलता नहीं मिलने और पिछले महीने हुए आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा के उपचुनाव में सपा की पराजय के बाद ओमप्रकाश राजभर ने सपा मुखिया अखिलेश यादव को लोगों के बीच जाने की सलाह देते हुए कहा था कि उन्हें वातानुकूलित कमरे में बैठकर राजनीति नहीं करनी चाहिए.

अखिलेश ने यह कहते हुए इसका टका सा जवाब दिया था कि सपा को किसी की सलाह की जरूरत नहीं है.

सपा नेतृत्व ने पिछले दिनों राजभर को एक पत्र जारी कर कहा था कि उन्हें जहां ज्यादा सम्मान मिलता दिखे, वह वहां जाने के लिए स्वतंत्र हैं.

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