PFI पर बैन को लेकर अब BSP सुप्रीमो मायावती ने खोला मोर्चा, ट्वीट में किया संघ का जिक्र

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UP Political News: केंद्र सरकार की तरफ से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर पांच साल के प्रतिबंध की घोषणा के बाद से ही इसपर राजनीति तेज हो गई है. बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो मायावती ने इस मसले को लेकर केंद्र सरकार पर तो निशाना साधा ही है, लगे हाथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को भी लपेटे में ले लिया है. मायावती ने शुक्रवार को ट्वीट कर पीएफआई बैन के मामले में अपनी बात सामने रखी है.

बीएसपी सुप्रीमो ने पहले ट्वीट में लिखा है,

“केंद्र द्वारा पीपुल्स फ्रण्ट आफ इण्डिया (पीएफआई) पर देश भर में कई प्रकार से टारगेट करके अन्ततः अब विधानसभा चुनावों से पहले उसे उसके आठ सहयोगी संगठनों के साथ प्रतिबंध लगा दिया है, उसे राजनीतिक स्वार्थ व संघ तुष्टीकरण की नीति मानकर यहां लोगों में संतोष कम व बेचैनी ज्यादा है.”

मायावती

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इसी क्रम में किए गए अगले ट्वीट में बीएसपी सुप्रीमो लिखती हैं, ‘यही कारण है कि विपक्षी पार्टियां सरकार की नीयत में खोट मानकर इस मुद्दे पर भी आक्रोशित व हमलावर हैं और आरएसएस पर भी बैन लगाने की मांग खुलेआम हो रही है कि अगर पीएफआई देश की आन्तरिक सुरक्षा के लिए खतरा है तो उस जैसी अन्य संगठनों पर भी बैन क्यों नहीं लगना चाहिए?’.

आपको बता दें कि मायावती कोई पहली नेता नहीं हैं, जिन्होंने PFI पर बैन के साथ RSS का जिक्र किया हो. इससे पहले समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क भी कुछ ऐसा ही बयान दे चुके हैं. सपा सांसद ने कहा था, “उसको बैन क्यों करना, उसका कसूर क्या है, वह मुसलमानों को रिप्रेजेंट करते हैं, इसलिए बैन किया है?”

सुरक्षा एजेंसी द्वारा पीएफआई के आतंकी लिंक मिलने के दावे पर शफीकुर्रहमान ने कहा था, “वह कुछ भी कहते रहें, हम नहीं मानते. और भी तो पार्टी चल रही हैं इसी ने क्या कसूर किया?” शफीकुर्रहमान ने कहा था कि अगर पीएफआई को बैन किया है तो आरएसएस को भी बैन करें.

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सीएम योगी आदित्यनाथ ने बैन का किया था स्वागत

आपको बता दें कि इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने पीएफआई पर बैन के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया था. सीएम योगी ने कहा था कि, “राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और उसके आनुषांगिक संगठनों पर लगाया गया प्रतिबंध सराहनीय एवं स्वागत योग्य है.’’ उन्होंने आगे कहा था, ‘यह ‘नया भारत’ है. यहां आतंकी, आपराधिक और राष्ट्र की एकता व अखंडता तथा सुरक्षा के लिए खतरा बने संगठन एवं व्यक्ति स्वीकार्य नहीं.’’

इससे पहले केंद्र सरकार ने बुधवार को पीएफआई और उसके कई सहयोगी संगठनों पर आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता का आरोप लगाते हुए पाबंदी लगाने का ऐलान किया था. यह कदम पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी और उसके अनेक सदस्यों की हाल में हुई गिरफ्तारी के बाद उठाया गया है.

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