
कन्नौज भारत की सबसे प्राचीन जगहों में से एक है जिसकी समृद्ध पुरातात्विक और सांस्कृतिक विरासत है। कन्नौज पूरी दुनिया में अपने इत्रों के लिए पहचाना जाता है। बाल्मीकि रामायण, महाभारत और पुराण के अनुसार, इस स्थान का प्राचीन नाम कन्याकुज्जा या महोधी था। बाद में इस नाम ने कन्नौज का रूप लिया।
कन्नौज में कुल 3 विधानसभा क्षेत्र हैं:
छिबरामऊ
तिर्वा
कन्नौज
कन्नौज की विधानसभा सीटों का विस्तार से विवरण
2017: इस चुनाव में बीजेपी की अर्चना पांडेय ने बीएसपी के ताहिर हुसैन सिद्दीकी को 37,224 वोटों से हराया था।
2012: इस चुनाव में सपा के अरविंद सिंह यादव ने बीएसपी के ताहिर हुसैन सिद्दीकी को 2,426 वोटों के अंतर से हराया था।
2017: इस चुनाव में यह सीट बीजेपी के खाते में गई थी। बीजेपी के कैलाश सिंह राजपूत ने सपा के विजय बहादुर पाल को 24,209 वोटों के अंतर से हराया था।
2012: इस चुनाव में सपा के विजय बहादुर पाल ने तिर्वा विधानसभा सीट पर अपना कब्जा जमाया था। उन्होंने बीएसपी के कैलाश सिंह राजपूत को 32,492 वोटों से हराया था।
2017: इस चुनाव में सपा के अनिल कुमार दोहरे ने बीजेपी के बनवारी लाल दोहरे को 2,454 वोटों से हराया था।
2012: इस चुनाव में भी सपा के अनिल कुमार दोहरे की जीत हुई थी। इस बार उन्होंने बीएसपी के महेंद्र निम दोहरे को 45,682 वोटों से हराया था।
सियासी मायनों कन्नौज जिला उत्तर प्रदेश में अहम जगह रखता है। दरअसल, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने 2012 के उपचुनाव में कन्नौज लोकसभा सीट से अपनी पहली जीत हासिल की थी। बाद में उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के सुब्रत पाठक के खिलाफ अपनी सीट बरकरार रखी। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में डिंपल यादव बीजेपी के सुब्रत पाठक के खिलाफ हार गईं थीं।
पिछले विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में यहां पर बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन किया था। अब आगामी विधानसभा चुनाव में देखना होगा कि सपा वापसी कर पाती है या नहीं।