बनारस घराने के गायन, वादन और कथक के तीन पीठों पर प्रियंका गांधी ने झुकाया शीश

समर्थ श्रीवास्तव

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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनजर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाराणसी में हैं. प्रियंका वाराणसी में कबीरचौरा-स्थित विलक्षण संत कवि कबीर की मूलगादी में रुकी हुई हैं. गुरुवार सुबह प्रियंका ने कबीरमठ-स्थित कबीर के पालनहार माता-पिता नीरू-नीमा की समाधि का दर्शन-अवलोकन किया और मठ में स्थित कबीर के बचपन और उनके व्यवसाय से जुड़ी पुरानी सामग्रियों को भी देखा.

आपको बता दें कि कबीरचौरा संगीत का वैश्विक केंद्र है. उत्तर भारतीय शास्त्रीय संगीत की तीन प्रमुख विधाओं- क्लैसिकल गायकी, कथक नृत्य और तबले की सिद्धपीठ भी है.

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कबीरचौरा की संकरी जनाकीर्ण गलियों से होते हुए गुरुवार को प्रियंका अपने चुनिंदा सहयोगियों के साथ गायन, वादन और नृत्य के तीनों अंगों के तीन प्रतिनिधि परिवारों तक पहुंची. इस दौरान प्रियंका पद्मविभूषण दिवंगत पंडित किशन महाराज के बेटे पंडित पूरन महाराज और उनके शिष्यों और परिचितों से मिलीं और कुछ देर तक तबले के बोल सुनती रहीं.

इसके बाद वह ‘कथकक्वीन’ विदुषी सितारा देवी के मकान पर जाकर उनके पौत्र यशस्वी कथक नर्तक विशाल कृष्ण और उनके परिवार से मिलीं और गलियों में उपस्थित बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों के साथ उन्होंने तस्वीरें खिंचवाईं.

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