पीलीभीत: कूड़े के ढेर में मिले हजारों कॉन्डोम तो मचा बवाल, जानें इसके पीछे की असल कहानी

सौरभ पांडेय

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पीलीभीत में कूड़े के ढेर में हजारों की संख्या में कॉन्डोम मिलने के बाद अब इसके पीछे की कहानी भी सामने आ गई है. यह कॉन्डोम केंद्र सरकार की तरफ से लखीमपुर के एनजीओ जेएन बालकुंज को भेजे गए थे. सीएमओ ने एनजीओ के दफ्तर पर छापा मारा, तो पूरी हकीकत सामने आ गई. आपको बता दें कि नखासा मोहल्ले में हजारों गर्भनिरोधक कॉन्डोम कचरे के ढेर में पाए गए थे.

अब पता चला है कि ये कॉन्डोम राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम (नाको) द्वारा लखीमपुर के एनजीओ जेएन बालकुंज को भेजे गए थे. अवध कॉलोनी स्थित एनजीओ के दफ्तर पर छापेमारी की कार्रवाई में यहां रिकॉर्ड अधूरे और गायब पाए गए. मौके से मिले सैंपल और कूड़े में मिले गर्भनिरोधक का जब मिलान किया तो वे एक ही बैच के निकले. इससे साफ हो गया कि सरकारी योजनों में किस तरह पलीता लगाया गया है.

सीएमओ ने एनजीओ के कार्यालय पर मिले सैंपल जब्त कर लिए हैं. अब इस मामले की रिपोर्ट नाको को भेजी जाने की बात विभाग द्वारा कही जा रही है. आप को यह भी बता दे कि 20 मार्च को कॉन्डोम वहां पड़े मिले, जिन्हें खबर लिखे जाने तक हटाया नहीं गया था. लोग उन्हें उठा कर ले जा रहे हैं, जबकि इन्हें नष्ट किया जाना चाहिए क्योंकि सीएमओ ने भी साफ कर दिया है कि अब यह इस्तेमाल में सुरक्षित नहीं हैं.

आपको बता दें कि एनजीओ के पास 250 सेक्स वर्कर, 150 ड्रग एडिक्ट और 50 बाइसेक्सुअल लोग हैं, जिनको गर्भनिरोधक वितरित किए जाते हैं. इन्हीं में से कुछ को वॉलन्टियर भी बनाया गया है. एनजीओ का कहना है कि उनके पास हर महीने करीब छह से आठ हजार गर्भ‌निरोधक बांटने को आते हैं. उनके मुताबिक वॉलन्टियर इन्हें कार्यालय से तो लेकर गए लेकिन वितरित नहीं किया.

सीएमओ डॉ. आलोक कुमार शर्मा ने बताया कि एनजीओ के कार्यालय पर मिले सैंपल से इसकी पुष्टि हो चुकी है. एनजीओ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. वहीं जेएन बालकुंज समिति की प्रोजेक्ट मैनेजर अर्चना मौर्या ने कहा कि हमारे पास जो गर्भनिरोधक आते हैं उनको सेक्स वर्कर तक पहुंचाने के लिए उन्हीं के बीच के कुछ लोगों को वॉलन्टियर बनाया गया है, जिन्होंने इसे नहीं पहुंचाया, उसकी जांच की जाएगी.

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