मेरठ: इस भैंसे के रेट में मिल जाएंगी 2 रॉल्स रॉयस कारें, पालने में आता है इतना खर्च, जानें

उस्मान चौधरी

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किसी की रईसी का पता उसके बंगला और गाड़ी से आंकी जाती है. गाड़ियों में भी यदि उसके पास रॉल्स रॉयस जैसी कार है तो फिर बात ही कुछ और है. पर मेरठ (Meerut news) के मेले में गोलू-2 नाम के भैंसे की कीमत में तो दो रॉल्स रॉयस कारें मिल जाएंगी. यानी इस भैंसे की कीमत 10 करोड़ आंकी गई है. हालांकि इसके ओनर किसान नरेंद्र सिंह इसको बेचने के लिए राजी नहीं हैं. नरेंद्र सिंह पद्मश्री से सम्मानित किसान हैं.

गोलू-2 भैंसा मेरठ के सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय अखिल भारतीय किसान मेले में आकर्षण का केंद्र है. हर कोई 10 करोड़ की कीमत वाले इस भैंसे को देखना चाहता है. हर किसी के मन में ये जिज्ञासा है कि इसकी कीमत 10 करोड़ क्यों है? आखिर क्या खास बात है कि इसे 10 करोड़ में भी किसान नरेंद्र बेचना नहीं चाहते हैं. लोग नरेंद्र से तरह-तरह के सवाल पूछ रहे हैं. लोग कह रहे हैं कि 10 करोड़ में बहुत कुछ मिलेगा. देखा जाय तो भारत में सबसे महंगी कारों की श्रेणी में शामिल रॉल्स रॉयस घोस्ट की कीमत इसकी आधी है.

ये है इस भैंसे की खासियत

इस भैंसे की खासियत के बारे में किसान नरेंद्र बताते हैं कि ये शुद्ध मुर्रा प्रजाति का है और इसकी मां प्रतिदिन 26 किलो दूध देती है. भैंसे का वजन 15 कुंटल है यानी 1500 किलो है. ऊंचाई 5 फीट 6 इंच के आसपास है और 14 फुट लंबाई है. इसकी उम्र 4 साल 6 महीने है. ये हर रोज 30 किलो सूखा हरा चारा, 7 किलो गेहूं-चना, 50 ग्राम मिनरल मिक्सचर खाता है. इसके इसे पालने का रोजाना खर्च 1000 रुपए से भी ज्यादा है.

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अब सवाल ये उठता है कि इतना खर्च कर इस भैंसे को पालने का क्या फायदा है? तो नरेंद्र बताते हैं कि वे इस भैंसे के सीमन से वे लाखों रुपए कमाते हैं. कुल मिलाकर ये किसान नरेंद्र के कमाऊ पूत की तरह है. इसलिए वे इसे 10 करोड़ में भी नहीं बेचना चाहते हैं.

हरियाणा सरकार को गिफ्ट कर चुके हैं गोलू-2 के पिता को

किसान नरेंद्र ने बताया कि प्रदेश में भैंसों की नस्ल सुधारने के लिए वे गोलू-2 भैंसे के पिता पीसी 483 को हरियाणा सरकार को गिफ्ट कर दिया. इसका वजन 12 कुंटल था. गोलू-2 के दादा गोलू-1 थे. इनके भी सीमन की बाजार में खूब मांग थी. पिछले दिनों गोलू-1 की मौत हो गई.

वर्ष 2019 में मिला था पद्मश्री

हरियाणा के पानीपत के रहने वाले किसान नरेंद्र सिंह को 2019 में सरकार ने पद्मश्री अवार्ड दिया था. डेयरी क्षेत्र में कार्य करने के लिए ये अवार्ड मिला था. उनकी इच्छा है कि अच्छे सीमन का प्रयोग करके अच्छे भैसे और भैंस तैयार हों जिससे किसानों को अच्छा फायदा हो.

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