रामपुर: सहकारिता कर्मी हड़ताल पर, किसान बिना खाद के अपनी फसलें बोने को मजबूर

आमिर खान

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किसान अपने खून-पसीने से सींच कर खेतों में फसलों को उगाता है. किसान को फसलों की परवरिश के लिए बीज के साथ-साथ खाद और पानी की भी जरूरत होती है. इन दिनों उत्तर प्रदेश में रामपुर के किसानों को खाद की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. खबर है कि रामपुर में किसान बिना खाद के ही अपने खेतों में फसलें बोने को मजबूर हैं. इसका कारण किसान सेवा सहकारी समिति में काम करने वाले वे कर्मचारी हैं, जो किसानों को खाद देने की बजाए अपनी वेतन बढ़ोतरी और पदोन्नति की मांग को लेकर स्टोरों में ताला डालकर हड़ताल पर चले गए हैं. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला.

रामपुर जिला उत्तराखंड तराई में बसा वह इलाका है जहां पर किसान भारी मात्रा में धान, मटर, सरसों, मैंथा और गेहूं आदि की फसलों को उगाता है. तकरीबन 3 से 4 महीने तक बेहतर खाद और पानी देने के बाद इन फसलों के पक जाने का इंतजार किया जाता है. इन दिनों मटर और गेहूं की फसलों को बोने का समय है. किसानों को बुवाई के समय बीज के साथ-साथ खाद की बहुत जरूरत पड़ती है, लेकिन इन दिनों खाद की किल्लत विकराल रूप धारण करती जा रही है.

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बता दें कि जिले के स्टोरों में रखी खाद के स्टॉक पर तालाबंदी करते हुए, यहां पर तैनात कर्मी अपनी वेतन वृद्धि की मांग को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं. इसके चलते बिलासपुर तहसील क्षेत्र में मटर की बुवाई करने वाले बहुत से किसान अपने खेतों में बिना खाद के ही फसलों को बोने के लिए मजबूर हैं.

किसान गुरविंदर सिंह ने बताया,

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“मैं बिजली फार्म खाद लेने के लिए आया था. मटर की बुवाई करनी है. गेहूं के लिए भी जमीन जोत रखी है. खाद है इनके पास, लेकिन इन्होंने यहां पर ताला लगा रखा है. सुबह से हम यहां धरने पर बैठे रहे और हमें खाद बिल्कुल भी नहीं मिली. सरकार से हम यही चाहते हैं कि जब खाद है तो हमें दी क्यों नहीं जा रही उसका कारण बताएं.

गुरविंदर सिंह, किसान

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किसान हनीफ वारसी ने बताया, “इन लोगों ने हड़ताल कर रखी है. कई दिन पहले खाद नहीं थी. किसान चक्कर काट रहे थे खाद के लिए. कल खाद आ गई है तो आज ताले पड़े हैं. हम लोग सुबह से धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकारी समिति में सुबह से सैकड़ों किसान इकट्ठा थे. गेहूं की बुवाई एकदम तैयार है. मटर की बुवाई एकदम तैयार है. लाई की बुवाई एकदम तैयार है. मसूर की बुवाई एकदम तैयार है. ये फसलें जो हैं इसी समय बोई जाती हैं, लेकिन किसानों के पास खाद नहीं है. मैं यही कहूंगा कि ईश्वर ने तो हमें बहुत बड़ा नुकसान पहुंचाया है और सरकार भी बड़ा नुकसान पहुंचा रही है, हमारी मदद नहीं कर रही है.”

मामले में मंडल कमीश्नर ने क्या बताया?

मंडल कमीश्नर आनजनेय कुमार सिंह के मुताबिक, “स्थिति पर निरंतर नजर रखी जा रही है. जहां कहीं पर शॉर्टेज आ रही है, वहां पर हम तत्काल व्यवस्था करा रहे हैं. ऐसी शॉर्टेज कहीं पर नहीं है. और हां अगर कोई नकली शॉर्टेज क्रिएट करने की कोशिश करेगा तो उस पर हमारी नजर है. किसानों को किसी भी तरह की समस्या नहीं होने देंगे. हम लोगों का प्रयास है व्यवस्था तत्काल सुधारी जाएगी. हड़ताल का मामला अलग है. उनसे भी हम बातचीत में है और प्रयास कर रहे हैं कि हम उसका तुरंत समाधान कर सकें.”

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