प्रयागराज रंगदारी मामला : विवेक सर पर भड़क गए इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्र, लगाए ये आरोप

आनंद राज

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UP News: प्रयागराज में पिछले दिनों कोचिंग सेंटर संचालक विवेक कुमार से 1 करोड़ की रंगदारी मांगी गई थी. कुछ लोग कोचिंग सेंटर में आए और अभ्यर्थियों के सामने ही रंगदारी मांगने लगे.

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UP News: प्रयागराज में पिछले दिनों कोचिंग सेंटर संचालक विवेक कुमार से 1 करोड़ की रंगदारी मांगी गई थी. कुछ लोग कोचिंग सेंटर में आए और अभ्यर्थियों के सामने ही रंगदारी मांगने लगे. इस दौरान आरोपियों ने काफी बदतमीजी भी की. इस पूरे मामले के सामने आने के बाद कोचिंग सेंटर के संचालक और शिक्षक विवेक कुमार  ने कुछ नामजद आरोरियों समेत 20 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करवाया था, जिसपर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है. वहीं इस मामले में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के कुछ छात्र नेताओं का भी नाम सामने आया था. वहीं छात्र नेताओं ने  यूपी तक से बात करते हुए अपना पक्ष भी रखा है. 

सोशल मीडिया पर चलाई मुहीम

सोशल मीडिया पर छात्र नेताओं ने अपने ट्वीट्स और पोस्टों के माध्यम से स्थिति को स्पष्ट करने की कोशिश की है. उन्होंने बताया कि किस तरह से कोचिंग संस्थानों ने पैसे वापसी की मांग पर छात्रों को बदनाम करने की साजिश रची. फीस वापसी और चेक बाउंस होने के बाद का मुद्दा भी उठाया गया है, जिससे छात्रों का गुस्सा फूटा है. छात्र नेताओं का यह भी कहना है कि कोचिंग संचालकों ने पुलिस के साथ मिलकर छात्रों पर फर्जी मुकदमे लगाए हैं.

रंगदारी पर छात्र नेताओं ने कही ये बात 

छात्र नेता राजेश शर्मा का कहना है कि विवेक कुमार ने इलाहाबाद को छात्रों का मछली बाजार बना रखा है. उन्होंने कोचिंग संस्थानों की अनैतिकता और छात्रों की समस्या को ध्यान में रखते हुए लगातार मुद्दे उठाए हैं. राजेश ने यह भी आरोप लगाया कि विवेक कुमार ने सोशल मीडिया का सहारा लेकर अपने को प्रसिद्धि दिलाने की कोशिश की. राजेश ने आगे कहा, "छात्र अगर अपनी फीस वापस मांगते हैं, तो उन्हें रंगदारी मांगने का आरोप लगा दिया जाता है. यह पूर्णतः गलत है और छात्रों के हक के खिलाफ है. इसका पूर्ण रूप से जांच होनी चाहिए."

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छात्र नेता गौरव मिश्रा ने भी सीबीआई जांच की मांग की है. उनका कहना है कि विवेक कुमार और उनकी टीम ने छात्रों के साथ धोखाधड़ी की है और उनके पैसे वापस करने में आनाकानी की है.

इलहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्र नेता विशाल सिंह रेसू ने यूपी तक से बात करते हुए कहा कि, 'जो FIR का रूप दिया गया है उसमें examपुर और विवेक कुमार से कोई मतलब ही नहीं था. यह पूर्ण रूप से मतलब CPDA का संचालक जितेन शर्मा का मामला था. कुछ छात्रों की फीस जो कि इन्होंने एडमिशन में लिया और अपनी कोचिंग को प्रबंधन के रूप में examपुर में मर्ज कर लिया.  उसके बाद जब छात्रों ने फीस वापसी के गुहार लगाई. उसमें आप देखे होंगे कि रसीदें वायरल हो रही हैं और तमाम चीजें इनकी चैटिंग भी है.'

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उन्होंने आगे कहा कि,जब भी किसी छात्रों के साथ कोई समस्या आती है तो यहां पर अभिभावक मानते हैं वो  छात्र नेताओं के पास जब आते हैं शिकायत लेके.  इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पंरपरा रही है. छात्रों और संस्थानों के बीच का सामंजस्य छात्र नेता हमेशा से बनाता आ रहा है. और जब ये जाकर के बात किए तो सारी चीजों को CPDA का मालिक जो था जितेंद्र शर्मा उसने अपने आपको पीछे करते हुए विवेक कुमार को आगे कर दिया. विवेक कुमार पर तो पहले से ही काफी आोरप लग चुके हैं. '

छात्र नेता ने आगे कहा कि विवेक कुमार ने उस दिन रंगदारी को लेकर जितने ट्वीट किए ऐसा लग रहा था सब पूर्व नियोजित था. बाद में सारे ट्वीट भी डिलीट कर दी गई.

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