वॉटरफॉल में नहाते समय प्रयागराज के इस युवक की नाक में घुस गई जोंक फिर मुसीबत से यूं बची जान
Prayagraj viral news: वॉटरफॉल में नहाना भी किसी को ऐसी मुसीबत में डाल सकता है, आपने ऐसा कभी नहीं सोचा होगा. चंद मिनट की आपकी मस्ती ऐसी परेशानी में भी डाल सकती है, इसके बारे में जान आप चौंक जाएंगे.
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Prayagraj viral news: वॉटरफॉल में नहाना भी किसी को ऐसी मुसीबत में डाल सकता है, आपने ऐसा कभी नहीं सोचा होगा. चंद मिनट की आपकी मस्ती ऐसी परेशानी में भी डाल सकती है, इसके बारे में जान आप चौंक जाएंगे. कुछ ऐसा ही वाकया प्रयागराज के रहने वाले एक युवक के साथ हुआ जो अपने कुछ लोगो के साथ उत्तराखंड वॉटर फॉल में नहाने गया था. नहाने के दौरान उसके नाक में जिंदा जोंक घुस गई. असल मामला तो ये हुआ कि युवक को उस समय इस बात का पता ही नहीं चला. इसके बाद उसका ऐसी मुसीबत से सामना हुआ कि अच्छे अच्छों की रूह कांप जाएगी.
दोस्तों सगं पहाड़ और वॉटरफॉल में मस्ती करके युवक जब घर आया, तो एक-दो दिन बीतने के बाद उसको नाक में कुछ होने का एहसास होने लगा. जब वह डॉक्टर के पास दिखाने के लिए पहुंचा तो जांच का नतीजा देखकर सभी लोग आश्चर्यचकित हो गए. उसकी नाक के जिंदा जोंक दिखाई दी. ये जोंक अंदर नाक में बिल्कुल चिपकी हुई थी.
प्रयागराज के सुशील को जोंक ने झेला डाला
यह कहानी यूपी के प्रयागराज के रहने वाले सुशील मवार की है, जो महज 19 साल के है. दो हफ्ते पहले कॉलेज से छुट्टी के बाद वह अपने दोस्तों के साथ उत्तराखंड घूमने गए. उसी दौरान पहाड़ों के बीच झरना यानी वॉटरफॉल देखा. वह अपने दोस्तों के साथ में घुसकर नहाने लगा. इस वॉटरफॉल मस्ती करने के दौरान जोंक उनकी नाक में घुस गई. उस वक्त तो कुछ पता नहीं चला लेकिन घर लौटने के कुछ दिन बाद ही उन्हें नाक में खुजली होने लगी और अजीब से चिपकने की चीज महसूस होने लगी. युवक ने अपनी परेशानी जब डॉक्टर के बताई कि उसकी नाक में अजीब सी हलचल हो रही है और नाक से खून भी निकल रहा है. इस बात की जानकारी लेने पर डॉक्टरों ने अपना ट्रीटमेंट शुरू कर दिया.
नाक में घुसी जोंक साबित हो सकती थी खतरनाक
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जोंक गीली और नमी वाली जगह पर मिलती है. वह जिस जगह चिपक जाती है उस जगह को बहुत नुकसान पहुंचता है. अगर जोंक युवक के दिमाग में घुस जाती, तो उसका बचना मुश्किल होता.
डॉक्टरों ने क्या किया?
जब युवक को नाज़रेथ अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर में ले जाया गया और जांच की गई. जोंक उसकी बाएं साइड की नासिका में काफी गहराई में, टर्बिनेट के पीछे छिपी हुई थी और धीरे-धीरे वहां से खून चूस रही थी. फिर डॉक्टरों ने ऑपरेशन करने का फैसला किया. इस ऑपरेशन को अस्पताल के ईएनटी विभाग के सर्जन डॉ. सुभाष चंद्र वर्मा ने दूरबीन विधि द्वारा बिना आस-पास की सामान्य संरचना को नुकसान पहुंचाए हुए सुगमता से सफलतापूर्वक अंजाम दिया.
नाक कान एवं गला के वरिष्ठ सर्जन डॉ. सुभाष चंद्र वर्मा ने बताया कि मरीज उत्तराखंड के एक वॉटरफॉल के रुके हुए पानी में 2 हफ्ते पहले नहाया था. तालाब या पोखरे में नहाने वाले लोगों के शरीर के बाहरी हिस्सों में जोंक चिपकी हुई तो देखने में मिल जाती है, लेकिन नाक के अंदर जोक का मिलना एक अद्भुत और दुर्लभ घटना है. शुक्र है कि जोक नाक के रास्ते दिमाग या आंख में नहीं गई. इस सफल ऑपरेशन को अंजाम देने वाली टीम में एनेस्थेटिस्ट डॉ० एस बी सिंह, सिस्टर अन, सिस्टर शिनू, डॉ० अनिर्विना समेत अन्य भी शामिल रहे.
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