सम्राट पृथ्वीराज चौहान के शासन काल में संभल में लगा चक्की का पाट अब गिरा…इसकी कहानी दिलचस्प है
UP News: ये चक्की का पाट सम्राट पृथ्वीराज चौहान के शासनकाल में लगाया गया था. इसकी कहानी काफी दिलचस्प है.
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UP News: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में बुधवार दोपहर से लगातार तेज बारिश हुई. इस बारिश की वजह से बीती रात संभल की ऐतिहासिक धरोहर चक्की का पाट और किले की दीवार अचानक भरभराकर गिर गई. ऐतिहासिक धरोहर गिरते ही चक्की का पाट भी टूट गया तो वही किले की दीवार से निकला मलबा भी सड़क पर फैल गया. आपको बता दें कि ये चक्की का पाट पृथ्वीराज चौहान के शासनकाल में टांगें गए थे. ये पृथ्वीराज चौहान के शासन की निशानी थी.
बता दें कि ऐतिहासिक चक्की के पाट के गिरने की खबर मिलते ही आधी रात में एसडीएम, नगरपालिका प्रशासन और पुलिस मौके पर पहुंचे. इसके बाद प्रशासन ने टूटकर गिरे चक्की के पाट को कब्जे में ले लिया.
पृथ्वीराज चौहान के शासन से जुड़ा था चक्की का पाट
संभल सदर कोतवाली इलाके के मुख्य बाजार में डाकखाना रोड पर स्थित ऐतिहासिक धरोहर चक्की का पाट और प्राचीन किले की दीवार बुधवार रात अचानक भरभराकर गिर गई. इस दौरान ऐतिहासिक चक्की का पाट टूटकर गिर गया. जैसे ही ये खबर फैली, मौके पर भीड़ जमा हो गई.
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ऐतिहासिक धरोहर के गिरने की खबर मिलते ही आधी रात में भारी बारिश के दौरान ही एसडीएम विनय मिश्रा, नगरपालिका के ईओ और कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची. अधिकारियों ने स्थानीय लोगों से घटना की जानकारी ली. इस दौरान पुलिस की टीम ने मलबे में से चक्की के पाट को बाहर निकाला. बता दें कि गिरने की वजह से चक्की का पाट एक किनारे से क्षतिग्रस्त हो चुका था. पुलिस टीम ने चक्की के पाट को अपने कब्जे में ले लिया है.
डीएम संभल ने दिए निर्देश
बता दें कि सम्राट पृथ्वीराज चौहान के शासनकाल में टांगे गए चक्की के पाट के गिरने और प्राचीन किले की दीवार ढहने की जानकारी मिलते ही डीएम डॉ राजेंद्र पौंसिया ने भी स्थानीय प्रशासन को मलबा हटवाकर ऐतिहासिक चक्की के पाट को दोबारा पुराने स्वरूप में स्थापित कराने के निर्देश दिए है. एसडीएम विनय मिश्रा का कहना है कि इस पूरे हिस्से को संरक्षित कियाजाएगा. चक्की के पाट को भी संरक्षित किया जाएगा. कोशिश की जाएगी कि फिर से पुराना रूप दे दिया जाए.
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सम्राट पृथ्वीराज चौहान के शासनकाल में टांगा गया था चक्की का पाट
माना जाता है कि ये चक्की का पाट सम्राट पृथ्वीराज चौहान के शासनकाल में उनके योद्धा आल्हा ऊदल ने अपनी वीरता का परिचय देने के लिए किले की दीवार पर एक ही छलांग में टांग दिया था. इसको देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते थे. ये प्राचीन किले की दीवार पर टंगा हुआ था. समय के साथ इसकी हालत जर्जर होती गई. किसी ने इसपर ध्यान नहीं दिया.
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