पेट में 2 Kg बालों का गुच्छा…बरेली में युवती को ट्राइको फोटोमेनिया नाम की अजीब बीमारी, क्या है ये?
UP News: उत्तर प्रदेश के बरेली जिला अस्पताल से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां डॉक्टर ने एक 31 साल की युवती का ऑपरेशन किया. ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर हैरान रह गए. दरअसल युवती के पेट से डॉक्टरों ने 2 किलों वजनी बालों का गुच्छा निकाला.
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UP News: उत्तर प्रदेश के बरेली जिला अस्पताल से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां डॉक्टर ने एक 31 साल की युवती का ऑपरेशन किया. ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर हैरान रह गए. दरअसल युवती के पेट से डॉक्टरों ने 2 किलों वजनी बालों का गुच्छा निकाला. दरअसल युवती के लंबे समय से पेट में दर्द था. काफी इलाज करवाया. मगर पेट का दर्द सही नहीं हुआ. ऐसे में वह बरेली जिला अस्पताल में डॉक्टरों को दिखाने पहुंची. मगर यहां आकर अलग ही कहानी सामने आई.
दरअसल पेट में दर्द की समस्या लेकर जब युवती बरेली के महाराणा प्रताप जिला अस्पताल पहुंची तो डॉक्टरों ने उसके पेट की जांच की. जांच के दौरान डॉक्टरों को पेट में बालों का गुच्छा दिखा तो वह पूरा मामला समझ गए. मगर इसकी उम्मीद डॉ़क्टरों को भी नहीं थी कि पेट में 2 किलो बालों का गुच्छा मिलेगा. बता दें कि डॉक्टरों ने युवती के पेट में से बालों का गुच्छा निकाल दिया है.
बाल खाने की बीमारी से है पीड़ित
बताया जा रहा है कि बरेली के थाना सुभाष नगर क्षेत्र के करगैना इलाके में रहने वाली 31 वर्षीय युवती को बाल खाने की बीमारी है. वह ट्राइको फोटोमेनिया नाम की बीमारी से पीड़ित है और अपने बाल खाती है. उसे यह बीमारी 16 साल की आयु से ही लग गई थी. वह काफी समय से इस बीमारी से परेशान है. वह धीरे-धीरे बाल खाने लगी और पेट में बालों का गुच्छा बनता चला गया.
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लाखों रुपये कर चुकी इलाज में खर्च
मिली जानकारी के मुताबिक, युवती का सालों तक प्राइवेट अस्पताल में इलाज चला. इसमें उसके लाखों रुपये खर्च हुए. मगर उसे आराम नहीं मिला. जब वह बरेली सरकारी अस्पताल में आई तो यहां डॉक्टरों ने पेट की गहराई से जांच की तो पेट में बालों का गुच्छा मिला.
ट्राइको फोटोमेनिया बीमारी से पीड़ित है युवती
बता दें कि युवती ट्राइको फोटोमेनिया बीमारी से पीड़ित है. बरेली में पहली बार ऐसा कोई केस सामने आया है. इस सर्जरी को वरिष्ठ सर्जन डॉ. एमपी सिंह, डॉ. अंजली सोनी, डॉ. मुग्धा शर्मा, अस्पताल की स्टाफ नर्स भावना, मनोचिकित्सक डॉ. आशीष कुमार और डॉ. प्रज्ञा माहेश्वरी की टीम ने अंजाम दिया है.
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