‘फतेहपुर DM की गाय की तबीयत हुई खराब’, इलाज के लिए उतारी गई 7 डॉक्टरों की फौज, लेटर वायरल

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यूपी के फतेहपुर जिले में डीएम आवास में कथित तौर पर पाली गई गाय की तबियत खराब होने के बाद मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने डॉक्टरों की टीम गाय के इलाज के लिए लगा दी. इस आदेश से जुड़ा एक सरकारी पत्र वायरल हो जाने के चलते सरकारी महकमे में हड़कंप मच गया. वहीं, इस मामले में डीएम अपूर्वा दुबे ने बयान जारी कर सफाई दी है. डीएम के अनुसार, बिना उनका संज्ञान लिए मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने मनमाने तरीके से यह आदेश पारित किया है.

क्या है मामला?

फतेहपुर जिले की डीएम अपूर्वा दुबे के आवास में कथित रूप से पाली गई गाय की तबियत खराब होने के बाद मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के आदेश पर डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई थी, जिसका सरकारी आदेश सार्वजनिक हो गया है. यह पत्र 9 जून को जारी हुआ था.

आपको बता दें की मुख्य पशु चिकित्साधिकारी एसके तिवारी का जो सरकारी आदेश वायरल हुआ है, उसमें लिखा हुआ है कि ‘डीएम महोदया की गाय की चिकित्सा करने हेतु पशु चिकित्साधिकारी की प्रतिदिन सुबह शाम की ड्यूटी लगाई जाती है और साथ ही डॉ. दिनेश कुमार (अति. पशु चिकित्साधिकारी, सनगांव) संबंधित पशु चिकित्साधिकारी से समन्वय स्थापित कर प्रतिदिन सुबह-शाम देखने की सुचना फोन के माध्यम से अवगत कराएंगे. इस मामले में शिथिलता अक्षम्य है.’

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आपको बता दें कि सोमवार के दिन डॉ. मनीष अवस्थी (पशु चिकित्साधिकारी भिटौरा), मंगलवार को डॉ. भुवनेश कुमार (पशु चिकित्साधिकारी ऐरायां), बुधवार को डॉ. अनिल कुमार (पशु चिकित्साधिकारी उकाथु), गुरुवार को अजय कुमार (पशु चिकित्साधिकारी, गाजीपुर), शुक्रवार को डॉ. शिवस्वरूप (पशु चिकित्साधिकारी मलवां), शनिवार को डॉ. प्रदीप कुमार (पशु चिकित्साधिकारी असोथर) और रविवार को डॉ. अतुल कुमार (पशु चिकित्साधिकारी हसवा) की ड्यूटी लगाई गई है.

बता दें कि डीएम अपूर्वा दुबे कानपूर के वर्तमान डीएम विशाख जी. अय्यर की पत्नी हैं. डीएम आवास में वर्तमान समय तीन गाय मौजूद हैं.

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अपर मुख्य पशु चिकित्साधिकारी एसके तिवारी के मुताबिक, “डीएम महोदया की गाय के इलाज के लिए डॉक्टरों की टीम लगाई गई थी, जिसमें प्रतिदिन के हिसाब से सात डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई. ये डॉक्टर प्रतिदिन के हिसाब से सुबह-शाम इलाज करके इसकी जानकारी फोन के माध्यम से देंगे। इस मामले में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.”

डीएम ने क्या कहा?

फतेहपुर डीएम ने बयान जारी करते हुए कहा,

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  • “इस लेटर के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है, यह लेटर संयोजित तरीके से मेरी छवि धूमिल करने के लिए जारी किया गया है.”

  • “पशु चिकित्सा विभाग खुद जारी करता है और खुद ही इसे निरस्त कर देता है. 544 डाक नंबर से जारी किया गया लेटर अगले ही दिन डाक नंबर 545 संख्या से निरस्त किया गया.”

  • “ट्विटर के माध्यम से मेरे संज्ञान में मामला आया. मैंने सीवीओ और डिप्टी सीवीओ के खिलाफ निलंबन के लिए पत्र लिखा है.”

  • “मेरे और मेरे परिवार में किसी ने गाय नहीं पाली है. गाय की बीमारी के बारे भी मुझे जानकारी नहीं है.”

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