काशी की हवा मथुरा तक पहुंची! शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर याचिका, परिसर सील करने की मांग

संजय शर्मा

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ज्ञानवापी मस्जिद में पुरातात्विक सर्वेक्षण में मिले साक्ष्य के बाद अब मथुरा में श्री कृष्ण जन्मस्थान पर बनाई गई शाही ईदगाह मस्जिद को भी सील कर वहां भी सर्वेक्षण कराने और फौरन इस संवेदनशील मामले पर सुनवाई करने की गुहार लगाई गई है.

याचिका में कहा गया है, “काशी की ज्ञानवापी में जैसे सनातन मंदिरों के साक्ष्य मसलन स्वास्तिक, कमल पुष्प, नाग, घंटा, कलश, पुष्प माला और अन्य धार्मिक प्रतीक चिह्न मिले हैं, वैसे ही शाही ईदगाह मस्जिद में भी मौजूद हैं. उन्हें साक्ष्य के तौर पर फौरन संरक्षित करने की जरूरत है. वरना वहां काबिज पक्षकार उन्हें नष्ट कर सकते हैं, क्योंकि कुछ सनातन धार्मिक प्रतीक तो प्रतिवादी पहले ही नष्ट भी कर चुके हैं. सीलबंद करने के आदेश में देरी होने से कहीं ऐसा न हो कि सभी प्रतीक चिह्न मिटा दिए जाएं जिनसे उस स्थान की प्रकृति और चरित्र ही बदल जाए. उससे याचिका कर्ताओं के दावे को अपूरणीय क्षति हो जाएगी.”

याचिका में गुहार लगाई गई है कि सबसे पहले तो मुख्य गर्भ गृह की जगह कब्जा कर बनाई मस्जिद में किसी का भी प्रवेश प्रतिबंधित किया जाए. परिसर को सीलबंद कर सुरक्षा इंतजाम और पहरा सख्त किया जाए. इन इंतजाम के लिए मथुरा के एसएसपी और जिला मजिस्ट्रेट को निर्देशित किया जाए. कोर्ट मामले की संवेदनशीलता और मौके की नजाकत के मद्देनजर एक जुलाई की जगह दौरान सुनवाई करे ताकि परिसर के संरक्षण के लिए एहतियाती कानूनी और प्रशासनिक इंतजाम समय रहते कर लिए जाएं.

आपको बता दें कि मथुरा जिला न्यायालय में कुछ वकीलों और कानून के छात्रों ने मथुरा के श्री कृष्ण जन्मस्थान पर कटरा केशवदेव को पुनर्स्थापित करने की गुहार लगाते हुए अर्जी दाखिल की है. याचिकाकर्ताओं ने याचिका में कहा है कि उनका सनातन धर्म में विश्वास है। इस विश्वास के मुताबिक कटरा केशवदेव ही वो स्थान है जहां द्वापर युग में मथुरा के राजा कंस का कारागार था जहां भगवान विष्णु ने श्री कृष्ण के रूप में जन्म यानी अवतार लिया था।

मथुरा जिला दिवानी न्यायालय में इस मामले से संबंधित इसके अलावा तीन अन्य याचिकाएं पहले से लंबित हैं. इन पर 19 मई को सुनवाई होनी तय है.

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