लखनऊ पुलिस ने मनीष जगन को तो कर लिया था अरेस्ट, जानिए क्यों आसान नहीं ऋचा की गिरफ्तारी?

संतोष शर्मा

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UP Political News: सोशल मीडिया से शुरू हुआ समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता (बीजेपी) के बीच का ‘ट्विटर वार’ अब गिरफ्तारी के दौर में पहुंच चुका है. रविवार को लखनऊ पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सोशल मीडिया ट्विटर अकाउंट को चलाने वाले मनीष जगन अग्रवाल को गिरफ्तार किया, तो दोपहर में यूपी बीजेपी के युवा मोर्चा सोशल मीडिया प्रभारी ऋचा राजपूत पर भी समाजवादी पार्टी की तरफ से एफआईआर दर्ज हो गई और ऋचा राजपूत की गिरफ्तारी को लेकर मांग उठने लगी है. अब सवाल है कि मनीष अग्रवाल की गिरफ्तारी करने वाली लखनऊ पुलिस क्या ऋचा राजपूत को गिरफ्तार करेगी या नहीं? और मनीष जगन अग्रवाल जो अब जेल से रिहा हो गए हैं, उनके खिलाफ अब क्या कार्रवाई होगी.

विस्तार से जानिए

रविवार को लखनऊ पुलिस ने मनीष जगन अग्रवाल को गिरफ्तार किया तो दोपहर में समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने हजरतगंज कोतवाली में बीजेपी युवा मोर्चा की सोशल मीडिया प्रभारी ऋचा राजपूत पर भी एफआईआर दर्ज करा दी. नरेश उत्तम पटेल की तहरीर पर आईपीसी की धारा 294, 506 और 67,67 आईटी एक्ट में मुकदमा दर्ज हुआ है. बात अगर ऋचा राजपूत पर दर्ज FIR की करें तो आईपीसी की धारा 294 और 509 में सजा 7 साल से कम की है. आईपीसी की धारा 294 सार्वजनिक स्थल या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आपत्तिजनक हरकत या बात करना.

UP News Today: आईपीसी की धारा 509 में शब्द से या किसी व्यवहार से किसी भी महिला के सम्मान को ठेस पहुंचाना है. आईपीसी की धारा 294 में 3 महीने की सजा और 509 में अधिकतम 3 साल की सजा का प्रावधान है. ऐसे में सवाल उठने लगा कि ऋचा राजपूत पर दर्ज एफआइआर में जब 7 साल से कम की सजा है तो गिरफ्तारी कैसे होगी? ऋचा राजपूत पर दर्ज एफआइआर में 67, 67a IT act भी लगाई गई है, जिसमें 3 से 5 साल की अधिकतम सजा का प्रावधान है.

इस मामले में रिटायर्ड आईपीएस आरके चतुर्वेदी का कहना है कि ऐसे मामले में तभी गिरफ्तारी हो सकती है जब आरोपी के भागने की आशंका हो, जांच में सहयोग न कर रहा हो, शांति भंग होने की आशंका हो और बार-बार अपराध करने की फितरत हो, इन परिस्थितियों में पुलिस को गिरफ्तार करने के साथ कोर्ट को बताना होगा कि क्यों गिरफ्तार किया गया.

वहीं, लखनऊ पुलिस ने मनीष को शांति भंग की आशंका में गिरफ्तार किया था. लखनऊ पुलिस कमिश्नर ने गिरफ्तारी पर सवाल करते हुए जवाब दिया कि मनीष जगन अग्रवाल के खिलाफ आईपीसी की अन्य धाराओं में वॉरंट बनवाया जाएगा.

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बता दें कि मनीष जगन अग्रवाल पर दो एफआईआर दर्ज हैं, जिसमें आईपीसी की धारा 153A, 153b, 295 जैसी धाराएं हैं, जिनमें 7 साल से कम की सजा का प्रावधान है. यही वजह थी कि लखनऊ पुलिस ने मनीष जगन अग्रवाल को शांति भंग की आशंका में गिरफ्तार किया है.

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