लखनऊ: मुस्लिम छात्रों की संख्या थी ज्यादा तो सरकारी स्कूल में बच्चे पढ़ते थे नमाज! हुआ एक्शन
लखनऊ के एक सरकारी स्कूल में छात्र नमाज पढ़ते थे. हर शुक्रवार को स्कूल में छात्र नमाज पढ़ते थे. स्कूल में दूसरे समुदाय के छात्र भी थे. अब इस मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है.
ADVERTISEMENT
Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से बड़ा मामला सामने आया है. यहां एक सरकारी स्कूल में बच्चे नमाज पढ़ रहे थे. हर शुक्रवार को स्कूल में नमाज होती थी. इस मामले का एक वीडियो भी सामने आया था. इस मामले के सामने आने के बाद दूसरे समुदाय के परिजनों ने विरोध-प्रदर्शन किया था. अब इस मामले में सख्त कार्रवाई की गई है.
दरअसल ये सरकारी स्कूल ठाकुरगंज के नैपियर रोड कॉलोनी में स्थित है. मिली जानकारी के मुताबिक, स्कूल में समुदाय विशेष के छात्रों की संख्या ज्यादा है. बताया जा रहा है कि इसलिए बेसिक शिक्षा परिषद के इस स्कूल में नमाज पढ़ाई जाती थी और छात्र नमाज पढ़ते थे. यहां छात्र हर शुक्रवार के दिन नमाज पढ़ते थे. इस स्कूल में दूसरे समुदाय के छात्र भी पढ़ते हैं. जब ये बात दूसरे समुदाय के छात्रों के माता-पिता को पता चली तो वह भड़क गए. इस मामले में हिंदू संगठन भी सामने आ गए और विरोध-प्रदर्शन किया गया.
आरोप सही पाया गया
जैसे ही ये मामला सुर्खियों में आया, शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया. मामले का जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अरुण कुमार ने फौरन संज्ञान लिया. इसके बाद अधिकारियों ने स्कूल का निरीक्षण किया. मामले की जांच की गई तो आरोप सही पाए गए.
यह भी पढ़ें...
ADVERTISEMENT
जांच में स्कूल इंचार्ज मीरा यादव, सहायक अध्यापिका तहजीब फातिमा और शिक्षा मित्र ममता मिश्रा को दोषी पाया गया. शिक्षा विभाग की तरफ से तीनों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दे दिए गए हैं. इसी के साथ स्कूल इंचार्ज मीरा यादव को भी निलंबित कर दिया गया है.
बड़ी संख्या में लोगों ने किया था विरोध-प्रदर्शन
मिली जानकारी के मुताबिक, इस मामले का एक वीडियो भी सामने आया था, जो वायरल भी हो गया था. इसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया था. दूसरी तरफ जब दूसरे समुदाय के छात्रों के परिजनों को ये बात पता चली तो वह भी भड़क गए. इस मामले को लेकर बीते शनिवार भी बड़ी संख्या में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था, जिसके बाद अब ये कार्रवाई हुई है. बता दें कि खंड शिक्षा अधिकारी राजेश कुमार सिंह को मामले की जांच सौंपी गई है. उन्हें 15 दिन के अंदर मुख्यालय को जांच रिपोर्ट देनी होगी.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT