कोरोना के दो साल बाद हज के लिए जाएंगे यात्री, लखनऊ से 6 जून को दिखाई जाएगी हरी झंडी

सत्यम मिश्रा

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तकरीबन 2 साल बाद मुस्लिम समाज के लोग हज यात्रा के लिए अब सऊदी अरब जाएंगे. बता दें कि अब तक कोरोना महामारी के चलते हज यात्रा पर रोक लगी हुई थी. उत्तर प्रदेश राज्य हज समिति के अध्यक्ष मोहसिन रजा ने बताया कि उत्तर प्रदेश से हज पर जाने वाले आजमीनों (हज यात्री) के लिए खुशखबरी है. उन्होंने कहा कि हज यात्रियों के लिए पहली फ्लाइट आगामी 6 जून को होगी. लखनऊ स्थित हज हाउस से 6 जून को अमौसी एयरपोर्ट से मदीना (सऊदी अरब) के लिए विमान रवाना होगा. यह पहला मौका होग जब कोरोना महामारी के 2 साल बाद हज यात्री हज के लिए सऊदी अरब जाएंगे.

हज यात्रा पर जा रहे यात्रियों के साथ हज सेवक भी जाएंगे और इस बार हज सेवकों का चयन लॉटरी के माध्यम से किया गया है. मिली जानकारी के मुताबिक, इस बार कुल 50 हज सेवक ही हज यात्रियों के साथ यात्रा करेंगे. इस बार उत्तर प्रदेश को हज यात्रा के लिए 12 हजार लोगों का कोटा मिला था.

हज कमेटी की गाइडलाइंस के अनुसार, 65 साल से अधिक आवेदकों का आवेदन निरस्त कर दिया गया है, क्योंकि कोरोना महामारी अभी पूरी तरीके से खत्म नहीं हुई है. ऐसे में वृद्ध लोगों को यात्रा ना करने की हिदायत दी गई है. वहीं जिन लोगों को हज यात्रा की अनुमति मिली है, उनके दोनों कोविड-19 का टीकाकरण पूर्ण होने चाहिए. इतना ही नहीं हज कमेटी ऑफ इंडिया ने हज यात्रियों को अपना सामान ले जाने के लिए मानक भी तय किए हैं.

हज कमेटी की तरफ से हज यात्रियों को उनके आवासीय पते पर स्टैंडर्ड किस्म के दो बैग भी दिए जाएंगे ताकि हज यात्रियों को एयरपोर्ट और हवाई जहाज पर असुविधा का सामना ना करना पड़े.

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