रेशमा का अंतिम संस्कार हो जाता तो अनीता कब्र में दफना दी जाती…कानपुर में गजब लापरवाही सामने आई

रंजय सिंह

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UP News: उत्तर प्रदेश के कानपुर से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक महिला के शव का पोस्टमॉर्टम हुआ. मगर पोस्टमॉर्टम कर्मचारियों ने परिवार को दूसरी महिला का शव दे दिया. परिवार शव लेकर जा रहा था, तभी रास्ते में उसने शव का चेहरा देख लिया. शव का चेहरा देखते ही परिवार सकते में आ गया. 

परिजन फौरन शव लेकर पोस्टमॉर्टम हाउस आए और वहां कर्मचारियों को पूरी बात बताई. इस दौरान परिजन काफी भड़के हुए भी थे. दरअसल जिस महिला का शव कर्मचारियों द्वारा परिजनों को दिया गया था, वह मुस्लिम धर्म से संबंध रखती थी तो परिवार हिंदू था. दूसरी तरफ जिस मुस्लिम महिला की मौत हुई थी, कर्मचारी उसके परिजनों को हिंदू महिला का शव देने जा रहे थे. गमीनत ये रही कि सही समय पर मामला सामने आ गया.  

क्या है पूरा मामला? 

फतेहपुर के गाजीपुर में रहने वाले मनोज त्रिवेदी की पत्नी अनीता बुधवार को अपने घर में गिर गई थी. उनके सिर में गंभीर चोट थी. इलाज के लिए उन्हें कानपुर के हैलट अस्पताल लाया गया था, जहां इलाज के दौरान गुरुवार को उनकी मौत हो गई. शुक्रवार को उनकी बॉडी का पोस्टमॉर्टम हाउस में पोस्टमॉर्टम किया गया और बॉडी परिजनों को सौंप दी गई. 

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परिजन महिला की बॉडी लेकर कानपुर से फतेहपुर के लिए एंबुलेंस से रवाना हो गए. लेकिन रास्ते में परिजनों को महसूस हुआ कि शव काफी भारी है. ऐसे में परिजनों ने फौरन शव का चेहरा देखा. दरअसल शव अनीता की जगह किसी दूसरी महिला का था. परिजन फौरन दोबारा पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंचे और वहां कर्मचारियों को पूरे मामले की जानकारी दी. वहां पता चला कि उन्हें अनीता की जगह रेशमा का शव दे दिया गया था.

रेशमा की भी हुई थी इलाज के दौरान मौत

बता दें कि जिस रेशमा नाम की महिला का शव परिवार को मिला था, उसकी भी मौत इलाज के दौरान हुई थी. वह कानपुर देहात के रसूलाबाद की रहने वाली थी. हैलट में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी. इस मामले में कानपुर की स्वरूप नगर पुलिस और पोस्टमॉर्टम कर्मचारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है. अगर समय पर बॉडी ना देखी जाती तो अनीता का शव कब्रिस्तान में दफना दिया जाता और रेशमा के शव का गंगा के घाट पर क्रिया कर्म कर दिया जाता.

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सीएमओ ने ये कहा

इस मामले पर कानपुर के सीएमओ आलोक रंजन ने कहा, पोस्टमॉर्टम पुलिस ही करने को लाती है. पोस्टमॉर्टम के बाद बॉडी पुलिस को ही दी जाती है. ऐसे में संभव नहीं की यहां के कर्मचारियों द्वारा ही गलती हो गई हो. फिलहाल ये मामला चर्चाओं में बना हुआ है.

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