मेयर चुनाव: प्रमिला पांडे ने जब छुए सत्यदेव पचौरी के पैर, जानिए इसका इलेक्शन वाला कनेक्शन
Kanpur News: उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने अपने-अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. सभी नगर पालिका सीटों के साथ प्रमुख…
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Kanpur News: उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने अपने-अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. सभी नगर पालिका सीटों के साथ प्रमुख शहरी निकाय की मेयर सीटों पर भी उम्मीदवारों का ऐलान हो गया है. शहरी निकाय की कुछ सीटें ऐसी थी, जहां राजनीतिक दलों के दिग्गज भी टिकट की रेस में थे या अपने-अपने उम्मीदवार को टिकट दिलवाने की कोशिश कर रहे थे. अब जब टिकट की घोषणा हो गई है तो किसी पक्ष में खुशी देखी जा रही है तो किसी पक्ष में पार्टी के फैसले पर नाराजगी जताई जा रही है.
ऐसा ही कुछ मामला कानपुर की मेयर सीट पर था. इस सीट को लेकर भी भारतीय जनता पार्टी के कई दिग्गज आमने-सामने थे. कानपुर मेयर सीट का टिकट भाजपा ने प्रमिला पांडे को दिया है. मगर पहले ऐसा माना जा रहा था कि इस सीट पर भाजपा कानपुर के सांसद सत्यदेव पचौरी की बेटी नीतू सिंह को मैदान में उतारने जा रही है. मिली जानकारी के मुताबिक, भाजपा ने नीतू सिंह को टिकट दे ही दिया था, लेकिन अचानक टिकट प्रमिला पांडे को दे दिया गया. मिली जानकारी के मुताबिक, पार्टी के इस फैसले से सत्यदेव पचौरी और उनके समर्थकों में नाराजगी बताई जा रही है. अब इस नाराजगी को दूर करने और मनाने के लिए भाजपा एक्टिव हुई है. इसी क्रम में प्रमिला पांडे, सत्यदेव पचौरी और वीरेंद्र सीज सिंह से आशीर्वाद लेने पहुंची.
कौन है नीतू सिंह
बता दें कि नीतू सिंह भाजपा सांसद सत्यदेव पचौरी की बेटी हैं और पूर्वी उत्तर प्रदेश में आरएसएस के संचालक की भूमिका निभा रहे वीरेंद्र जीत सिंह की बहू हैं. वीरेंद्र सिंह जीत की आरएसएस में बड़ी पैठ मानी जाती है. ऐसे में नीतू सिंह को टिकट न देकर आखिरी समय में प्रमिला पांडे को टिकट दे दिया जाना, खुद में कई अटकलों को जन्म दे गया.
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सतीश महाना और सत्यदेव पचौरी के सियासी रिश्ते बने वजह?
मिली जानकारी के मुताबिक, विधानसभा स्पीकर सतीश महाना और कानपुर नगर सीट से सांसद सत्यदेव पचौरी के बीच रिश्ते कुछ ठीक नहीं है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, दोनों की कुछ खास नहीं बनती. दोनों ही अपने-अपने करीबी को प्रत्याशी बनाना चाह रहे थे.
ऐसा बहुत कम होता है कि संघ का साथ होने के बाद भी भाजपा किसी नेता को टिकट न दे. मगर इस केस में ऐसा नहीं हुआ. संघ का साथ होने के बावजूद पचौरी गुट पर महाना गुट भारी पड़ा गया और प्रमिला पांडे को टिकट मिल गया.
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सपा ने खेला ब्राह्मण कार्ड
बता दें कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी ने पहले से ही कानपुर में ब्राह्मण कार्ड खेला है. दोनों की पार्टियां ब्राह्मण उम्मीदवारों को चुनाव में उतार चुकी हैं. ऐसे में नीतू सिंह मायके पक्ष से क्षत्रिय हैं और ससुराल पक्ष से ब्राह्मण हैं. ऐसे में नीतू सिंह को चुनाव में अगर भाजपा उतारती तो इससे भाजपा को काफी लाभ हो सकता था.
प्रमिला पांडे पहुंची सत्यदेव पचौरी और वीरेंद्र सिंह के घर
नाराजगी को मिटाने के लिए प्रमिला पांडे ने खुद मौर्चा संभाला है. प्रमिला पांडे खुद सत्यदेव पचौरी और वीरेंद्र अतीज सिंह के घर पहुंची और दोनों के पैर छुए. इसके बाद उन्होंने अपनी यह फोटो सोशल मीडिया पर शेयर कर दी, जिसके बाद यह फोटो वायरल हो गई.
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इसी के साथ बीजेपी की प्रदेश कार्यकारिणी भी सांसद सत्यदेव पचौरी को मनाने में लगी है. पार्टी का लक्ष्य है कि अंदर की कलह के चलते पार्टी को निकाय चुनाव में नुकसान न झेलना पड़ जाए.
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