गोरखपुर: घर से अचानक गायब हुई पालतू बिल्ली, फिर जो हुए उसे जानकर उड़ जाएंगे होश
Gorakhpur News: गोरखपुर में इंसान और जानवर के बीच की अटूट रिश्ता देखने को मिला है. गुरुवार के दिन गोरखपुर में एक अनोखा चमत्कार हुआ…
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Gorakhpur News: गोरखपुर में इंसान और जानवर के बीच की अटूट रिश्ता देखने को मिला है. गुरुवार के दिन गोरखपुर में एक अनोखा चमत्कार हुआ जिससे जान कर आप भी हैरान हो जाएंगे. एक पर्शियन कैट पिछले 15 घंटे से गाड़ी के बोनट में छिपी थी. बोनट में ही बैठकर उसने शहर के तमाम सड़कों पर भूखे पेट भ्रमण भी किया.
दरअसल, पूरा मामला गोरखपुर शहर के भिटनी मदरसा, सूरजकुंड के रहने वाले एक परिवार का है. ट्रैवल एजेन्सी का काम करने वाले एजेंट मोहम्मद कलीम अहमद अंसारी का पूरा परिवार पर्शियन कैट को पालने का शौक रखते हैं.
मोहम्मद कलीम अहमद अंसारी के बेटे दानिश को इन जीवों सेबेहद लगाव है इसलिए धीरे-धीरे कर आज उनके घर में कुल एक दर्जन पर्शियन कैट मौजूद है. दानिश के मुताबिक वह अपने घर मेंअपने मां-बाप और एक छोटा भाई और छोटी बहन के साथ रहते हैं. पर्शियन बिल्ली को पालने का शौक उनको इस कदर चढ़ा कि आजकी डेट में उनके पास कुल 12 पर्शियन कैट हो चुकी है जिसमें से दो नर है और 10 मादा है. दानिश ने बताया की बुधवार की रात लगभग 9 बजे के आसपास मेरी एक बिल्ली घर के बाहर खेलते-खेलते चली गयी. उसका नाम चिप्पो था. कुछ देर तक जब वो हमें नहीं मिली तब हमने उसे ढूँढना शुरू कर दिया.
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हमारे साथ-साथ मोहल्ले के कई लोग चिप्पो को ढूंढने में मदद कर रहे थे. लेकिनअसफलता हाथ लगी. मेरे घर के पीछे एक एक खुला जगह है जहां पर एक अधिकारी साहब की गाड़ी खड़ी होती है. गाड़ी का ड्राइवर वहां पर अक्सर गाड़ी खड़ी करते है. हम लोग गाड़ी के आसपास लगातार ढूंढ रहे थे. क्योंकि वहाँ पर मौजूद कई चश्मदीद बता रहे थे कि कुछ देर से गाड़ी को घेर कर कई सारे आवारा कुत्ते भौंक रहे है. हमने सोचा क्यों ना गाड़ी को चेक किया जाए क्या पता चिप्पो कुत्तों के भय से इसी में आकर छिप गई हो.
अगली सुबह हमने चिप्पो को फिर तलाशना शुरू किया. लेकिन हमें कहीं भी चिप्पो का पता नहीं चल पा रहा था. घर में मेरी छोटी बहनका रो-रो कर बुरा हाल था. दानिश ने बताया कि उनकी पर्शियन कैट चिप्पो गर्भवती भी थी. इसलिए हमको ज्यादा चिंता हो रही थी।ऊपर वाले से यही प्रार्थना कर रहे थे कि किसी तरीके से चिप्पो से हमको मिला दिया जाए.
नई सुबह नई उम्मीद लेकर आती है
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अगले दिन फिर इसी बात को लेकर चर्चा होने लगी. वहां पर कुछ लोग बात कर रहे थे की गाड़ी को घेर कर कई सारे आवारा कुत्ते भौंक रहे थे, हो ना हो चिप्पो कुत्तों कि डर से क्या पता गाड़ी में ही छिपी हो. हम गाड़ी की अच्छे से तफ्तीश किए थे लेकिन उसमें चिप्पो नहीं थी. फिर अचानक से ख्याल आया कि क्यों न गाड़ी का बोनट चेक कराया जाए. दरअसल गाड़ी सूचना अधिकारी प्रशांत कुमार की थी और उस गाड़ी को चलाने वाला उनका ड्राइवर मोहम्मद रफ़ीक मेरे घर के पीछे ही गाड़ी को पार्क करता था. किसी तरीके से मैं उनके घर जाकर उनका नंबर निकलवाया और मैंने उनको तत्काल फोन किया.
उन्होंने बताया कि वह सुबह से ही ड्यूटी पर है और कई सरकारी कार्यालयों का भ्रमण कर चुके हैं. अगर बिल्ली होती तो निकलती या मिल जाती. दानिश ने जब ड्राइवर को थोड़ा और जोर दिया कि एक बार आप बोनट खोल कर चेक कर ले इस पर ड्राइवर राज़ी हुआ औरगाड़ी का बोनट खोला. उस समय गाड़ी मंडलायुक्त कार्यालय पर थी, जैसे ही गाड़ी का बोनट खोला गया चिप्पो बोनट में एक किनारे दुबक के पड़ी हुई थी. तत्काल ड्राइवर ने दानिश को फोन किया और बताया कि उनकी चिप्पो मिल गई है कृपया आकर ले जाइए.
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इस खबर को सुनते ही मानो दानिश के घर में खुशी की लहर दौड़ पड़ी. तत्काल दानिश अपने घर से मंडलायुक्त कार्यालय की तरफ भागे. वहां पर गाड़ी के ड्राइवर ने उनको उनका पर्शियन कैट सुपुर्द किया. चिप्पो को हाथ में लेते ही दानिश की आँखें से आंसू छलक उठे. चिप्पो की हालत ठीक नहीं थी क्योंकि रात में कुत्ते के भौंकने से वह डर गई थी और इस चक्कर में वह नाली में गिर गई थी. उसका पूरा शरीर भीगा हुआ था और वह गंदे अवस्था में थी. इतनी सर्द में पूरी रात एक बोनट में भीगी अवस्था में उसने कैसे काटा और बिनाकुछ खाए पिये कैसे पूरी रात रही होगी. यह सोचकर दानिश भावुक हो गए फिर उन्होंने अल्लाह का शुक्र किया कि कुछ भी हो हमारी चिप्पो हमारे पास सुरक्षित मिल गई है.
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